बेंगलुरु: हमारे चंद्र मिशन की हालिया सफलता ने अंतरिक्ष खोज में तैयारी और सटीकता के महत्व को प्रदर्शित किया है. इसरो के पूर्व अध्यक्ष डॉ. किरण कुमार ने (Former ISRO Chairman Dr. Kiran Kumar) कहा कि यह इस क्षेत्र में भारत की बढ़ती विशेषज्ञता को दर्शाता है.
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO), भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र (IN-SPACe) और न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड ( एनएसआईएल) के साथ मिलकर शहर में अंतरिक्ष पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन 2023 का आयोजन किया.
सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में भारत की हालिया उपलब्धियों का जश्न मनाया गया, जिसमें चंद्रमा पर सफल सॉफ्ट-लैंडिंग प्रयास भी शामिल था. सम्मेलन में इस मिशन की सावधानीपूर्वक तैयारी और डेटा-संचालित निर्णय लेने पर प्रकाश डाला गया, जिसकी वजह इसे सफलता मिली है.
कार्यक्रम के उद्घाटन पर बोलते हुए डॉ. किरण कुमार (Dr Kiran Kumar) ने कहा कि 'भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र तेजी से विकास के लिए तैयार है, जिसमें नीतिगत सुधार, नवाचार, निजी क्षेत्र की भागीदारी और अंतरराष्ट्रीय सहयोग सबसे आगे है. चूंकि राष्ट्र अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में नए क्षितिज तलाश रहा है, इसका उद्देश्य वैश्विक चुनौतियों का समाधान करना और ब्रह्मांड के बारे में हमारी समझ को आगे बढ़ाने में योगदान देना है.'
भारत का अंतरिक्ष क्षेत्र कभी इतना अच्छा नहीं रहा. वर्ष 2022 में सफल प्रक्षेपणों की एक श्रृंखला देखी गई, जिसमें भारत की मजबूत स्वदेशी प्रौद्योगिकियों और इसरो द्वारा विकसित लॉन्च व्हीकल का प्रदर्शन किया गया. 2022 में मूल्य के हिसाब से सबसे बड़ा वाणिज्यिक प्रक्षेपण, 36 वनवेब उपग्रहों को तैनात करना, एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर था.