तिरुवनंतपुरम: केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के अमेरिका यात्रा के दौरान राज्य की मीडिया की आलोचना और स्टुडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) नेता की शिकायत के आधार पर एक पत्रकार के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराना भारी पड़ गया. रविवार को कांग्रेस नीत विपक्षी पार्टी संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) ने मुख्यमंत्री और उनकी पार्टी को आड़े हाथ लिया और उन पर प्रेस की स्वतंत्रता में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया.
विजयन ने शनिवार को राज्य में मीडिया घरानों के एक धड़े की आलोचना की थी और कहा था कि वे लोक केरल सभा के चल रहे अमेरिका क्षेत्रीय सम्मेलन को लेकर ‘आधारहीन झूठ’ फैला रहे हैं और बिना बात के विवाद खड़ा कर रहे हैं. इससे पहले राज्य पुलिस ने मलयालम चैनल के पत्रकार सहित पांच लोगों के खिलाफ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की छात्र इकाई के नेता की शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज की थी. वाम दल से जुड़ी इकाई के छात्र नेता व एसएफआई के राज्य सचिव पीएम अर्शो ने आरोप लगाया था कि आरोपी अंकपत्र विवाद में उनकी छवि खराब करने की कोशिश कर रहे हैं.
उक्त घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नीत यूडीएफ ने विजयन और उनकी सरकार की प्रेस की आजादी में कथित हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया और उनकी निंदा की.
पत्रकार के खिलाफ प्राथमिकी की सरकार में सहयोगी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) ने भी आलोचना की है. भाकपा के वरिष्ठ नेता सी दिवाकरन ने कहा कि वह पत्रकार के खिलाफ कार्रवाई का विरोध करते हैं. उन्होंने कहा, ‘‘मैं नहीं समझ पा रहा हूं कि क्या गलत हुआ। लेकिन पत्रकार के खिलाफ कार्रवाई सही नहीं है.’’ वहीं, माकपा ने मुद्दे पर कड़ा रुख अपनाया है और पार्टी के राज्य सचिव एम वी गोविंदन ने कहा कि पत्रकारिता के नाम पर सरकार विरोधी या एसएफआई विरोधी अभियान चलाने पर कार्रवाई की जाएगी.