तमिलनाडु के पलानी मुरुगन मंदिर में फिर लगा 'केवल हिंदुओं को प्रवेश की अनुमति' का सूचना बोर्ड
पलानी दंडयुथापानी स्वामी मंदिर में गैर-हिंदू लोगों का प्रवेश वर्जित करने के लिए एक बोर्ड लगाया था. किसी कारणवश कुछ समय से लिए यह बोर्ड हट गया और इस दौरान एक मुस्लिम महिला को मंदिर में प्रवेश करने से पहले रोका गया था. अब सूचना बोर्ड को हटाने को लेकर मद्रास हाई कोर्ट में सुनवाई चल रही है. लेकिन इस बीच यह सूचना बोर्ड फिर से लगा दिया गया है.
पलानी: तमिलनाडु में पलानी दंडयुथापानी स्वामी मंदिर, जिसे अरूपाडा घरों का तीसरा घर भी कहा जाता है, यहां प्रतिदिन हजारों भक्त दर्शन के लिए आते हैं और त्योहारों व विशेष अवसरों पर भक्तों की संख्या लाखों में पहुंच जाती है. हिंदू धार्मिक बंदोबस्ती विभाग के नियमों के अनुसार गैर-हिंदुओं को मंदिर में प्रवेश की अनुमति नहीं है. हिंदू धार्मिक धर्मार्थ विभाग के अंतर्गत आने वाले सभी मंदिरों में इस कानून का पालन किया जाता है.
यह मंदिर एक पहाड़ी पर स्थित है और इस नियम के चलते कई सालों से पहाड़ी की तलहटी पर इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन ट्रेन स्टेशन पर एक बैनर लगा हुआ है, जिसमें साफ-साफ घोषणा की गई है कि मंदिर प्रशासन द्वारा केवल हिंदुओं को प्रवेश की अनुमति दी जाएगी. पिछले महीने, मंदिर के कुंभाभिषेक कार्यों के लिए अधिसूचना बैनर हटाए जाने पर मुस्लिम परिवार इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन ट्रेन स्टेशन पर टिकट लेकर अंदर चला गया था.
अधिकारियों और मंदिर के कर्मचारियों ने यह कहते हुए टिकट वापस करने की मांग की और कहा कि दूसरे धर्म के लोगों को प्रवेश की अनुमति नहीं है. उन्होंने मुस्लिम महिलाओं द्वारा पहने जाने वाले कपड़े देखकर उन्हें पहचाना था. हालांकि जो तर्क सामने आया वह अत्यधिक विवादास्पद था. यह घटना सोशल मीडिया पर जंगल की आग की तरह फैल गई और इसकी भारी आलोचना हुई.
इसके तुरंत बाद मंदिर प्रशासन ने बोर्ड हटा दिया. बोर्ड हटाने के विरोध में हिंदू संगठनों ने चरखी स्टेशन के सामने धरना दिया. ऐसे में पलानी के सेंथिलकुमार ने मद्रास हाई कोर्ट की मदुरै शाखा में बोर्ड हटाने से जुड़ा मामला दायर किया. हिंदू धार्मिक बंदोबस्ती विभाग के नियमों के तहत बोर्ड क्यों हटाया गया, इसे लेकर जज ने मामले की सुनवाई की. उन्होंने पुनः आदेश दिया कि सूचना का बोर्ड उसी स्थान पर वापस लगाया जाए. इसके बाद उन्होंने सुनवाई भी 28 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दी.
चूंकि मामले की सुनवाई 28 तारीख को होनी है, इसलिए मंदिर प्रशासन की ओर से पहाड़ी के नीचे स्थित इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन ट्रेन स्टेशन पर एक बोर्ड लगा दिया गया, जिसमें कहा गया कि केवल हिंदुओं को फिर से प्रवेश की अनुमति दी जाएगी. दोबारा नाम का बोर्ड लगने से पलानी पहाड़ी की तलहटी में हंगामा मच गया है.