नई दिल्ली:अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन द्वारा संकेत दिए जाने के बाद कि इजरायल पर हमास के आतंकवादी हमले के पीछे एक कारण हाल ही में घोषित भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा था. यह अंतरराष्ट्रीय समुदाय में खासकर भारत के लिए सवाल खड़े कर दिए हैं. अपनी तरह के पहले आर्थिक गलियारे को भारत, संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, यूरोपीय संघ, फ्रांस, इटली, जर्मनी और अमेरिका से जुड़े कनेक्टिविटी और बुनियादी ढांचे पर सहयोग पर एक ऐतिहासिक पहल माना जाता है. अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा कि इजरायल पर हमास के हमले की वजह ये आर्थिक गलियारा हो सकता है.
इस संबंध में भारत के पूर्व राजदूत अनिल त्रिगुणायत ने ईटीवी भारत से बातचीत की. उन्होंने स्वीडन, नाइजीरिया, लीबिया और जॉर्डन में मिशनों में काम किया है. अनिल त्रिगुणायत ने कहा, 'हालांकि राष्ट्रपति बाइडेन ने उल्लेख किया कि यह उनका अनुमान था जो कुछ कटौतीपूर्ण तर्क पर आधारित हो सकता है कि हमास हो सकता है आईएमईसी (IMEC) को पटरी से उतारने के लिए इजरायल के खिलाफ आतंकी हमले किए हैं.
वास्तव में आईएमईसी या अब्राहम समझौते के माध्यम से सऊदी अरब और इजरायल के बीच संबंधों का सामान्यीकरण का उद्देश्य था जो फिलिस्तीन के लिए बड़ा झटका हो सकता था. इसलिए यह एक अधिक प्रमुख कारण हो सकता है. वर्तमान युद्ध ने अरब को रास्ते को बदल दिया है और अल्पावधि में इजरायल की भागीदारी के साथ आईएमईसी और अन्य परियोजनाओं के कार्यान्वयन सहित मेल-मिलाप को बाधित कर दिया है.