देहरादून (उत्तराखंड):विश्व प्रसिद्ध केदारनाथ धाम की यात्रा में कभी रामबाड़ा अहम पड़ाव होता था, लेकिन साल 2013 की आपदा में रामबाड़ा का नामोनिशान ही मिट गया था. इसके साथ ही केदारनाथ को जाने वाला गरुड़ चट्टी पैदल मार्ग भी पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया था. ऐसे में मंदाकिनी नदी के दाईं तरफ से रास्ता तैयार किया गया. जिसके जरिए श्रद्धालु केदारनाथ पहुंचते हैं, लेकिन यह रास्ता करीब 3 किलोमीटर लंबा है. ऐसे में पुराने रास्ते को फिर से अस्तित्व में लाने की कवायद की जा रही है, लेकिन इस पर पेंच फंसा हुआ था. जिसे अब दूर कर लिया गया है.
केदारनाथ धाम में साल 2013 में 16 और 17 जून को भीषण आपदा आई थी. जिसने न केवल मंदिर के आस पास का बल्कि, धाम से लेकर रामबाड़ा तक का पूरा इलाका अस्त व्यस्त हो गया था. साथ ही गरुड़ चट्टी से होकर जाने वाला पुराना मार्ग पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया था. जिस पर चलना बेहद मुश्किल हो गया था. इतना ही नहीं इस रास्ते को पर्यावरण मंत्रालय और तमाम एक्सपर्ट ने जोखिम भरा बताया था. लिहाजा, इस रास्ते पर किसी भी तरह की छेड़छाड़ पर रोक लगाई थी.
नया रास्ता है लंबा, पुराने रास्ते को शुरू करने की तैयारी:वहीं, आपदा के बाद एक्सपर्ट की राय पर एक नया रास्ता बनाया गया, जो रामबाड़ा में मंदाकिनी नदी से दायीं तरफ से होकर लिनचोली होकर केदारनाथ जाती है, लेकिन यह रास्ता लंबा है. मौजूदा समय में श्रद्धालु इसी रास्ते के जरिए केदारनाथ पहुंचते हैं, लेकिन इस रास्ते से श्रद्धालुओं को करीब 3 किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ती है. जिसकी वजह से दो से ढाई घंटे का समय और लग जाता है. लिहाजा, पुराने रास्ते को फिर से बनाने की योजना बनाई गई.
ये भी पढ़ें:केदारधाम का पैदल सफर होगा आसान और सुरक्षित, हो रहा ये बड़ा काम