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Odisha Train Accident: चेतावनी पर नहीं दिया ध्यान, 3 महीने पहले सिग्नलन सिस्टम में आई थी खराबी

दक्षिण पश्चिम रेलवे जोन के मुख्य परिचालन प्रबंधक ने पहले 9 फरवरी को लिखे एक पत्र में सिस्टम में गंभीर खामियों के बारे में चिंता जताई थी. इसपर अधिकारी ने एक एक्सप्रेस ट्रेन में सिग्नल की विफलता से जुड़ी एक घटना पर प्रकाश डाला था. लोको पायलट की सतर्कता से इस घटना के टाले जाने पर धन्यवाद दिया गया था.

Etv BharatWarnings ignored Flaws in signalling system flagged 3 months before Odisha train accident
Etv Bharatओडिशा ट्रेन हादसा: चेतावनियों पर नहीं ध्यान, 3 महीने पहले सिग्नलन सिस्टम में आई खामी

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Published : Jun 5, 2023, 7:02 AM IST

हैदराबाद: रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ओडिशा ट्रेन त्रासदी के लिए इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग को जिम्मेदार ठहराया है. इस हादसे में 275 लोगों की जान चली गई. इनसब के बीच रेलवे के एक शीर्ष अधिकारी ने एक बड़ा खुलासा किया है. उन्होंने कहा कि इस साल की शुरूआत में सिस्टम में गंभीर खामियों को उजागर किया गया था.

दक्षिण पश्चिम रेलवे जोन के मुख्य परिचालन प्रबंधक ने पहले 9 फरवरी को लिखे एक पत्र में सिस्टम में गंभीर खामियों के बारे में चिंता जताई थी, जिसमें अधिकारी ने एक एक्सप्रेस ट्रेन में सिग्नल की विफलता से जुड़ी एक घटना पर प्रकाश डाला था. लोको पायलट की सतर्कता के चलते हादसे को टालने पर उसे धन्यवाद दिया गया था.

पत्र में अधिकारी ने घटना का वर्णन करते हुए कहा, '08.02.2023 को लगभग 17.45 बजे एक बहुत ही गंभीर असामान्य घटना हुई. इसमें अप ट्रेन नंबर- 12649 संपर्क क्रांति एक्सप्रेस के लोको-पायलट ने प्वाइंट नंबर65-ए से पहले ट्रेन को रोक दिया था. उसने ऐसा इसलिए किया क्योंकि ट्रेन को गलत लाइन पर डायवर्ट किया गया था और ड्राइवर ने इस गलती को भांपते हुए ट्रेन रोक दी थी.

चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि इस घटना से सिस्टम में गंभीर खामियों का पता चलता है. इससे इंटरलॉकिंग की कमियां सामने आईं. उन्होंने दक्षिण पश्चिम रेलवे (एसडब्ल्यूआर) क्षेत्र में रेलवे स्टेशनों की सिग्नलिंग प्रणाली में खामियों को दूर करने के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई करने और तत्काल सुधारात्मक उपायों को लागू करने की सिफारिश की.

उन्होंने स्टेशन मास्टरों, टीआई और यातायात अधिकारियों को प्रशिक्षण, सूचना और आवश्यक कार्रवाई के लिए शिक्षित करने के लिए विस्तृत जांच के परिणाम और सिस्टम सुधार के लिए किए गए उपायों को साझा करने के महत्व पर भी जोर दिया. ओडिशा के बालासोर जिले में दुखद दुर्घटना में दो यात्री ट्रेनें शामिल थीं. इस हादसे में कम 275 लोगों की मौत हो गई और 1,100 से अधिक घायल हो गए.

रेलवे सुरक्षा आयुक्त द्वारा जांच रिपोर्ट का इंतजार है. रेल मंत्री ने घटना के लिए इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग को जिम्मेदार ठहराया। अब फोकस बहाली के प्रयासों पर है. संबंधित अधिकारी ने सिग्नल मेंटेनेंस सिस्टम के संबंध में एक चेतावनी भी जारी की, जिसमें कहा गया है कि इसे तुरंत मॉनिटर करने और ठीक करने में विफलता आगे दुर्घटनाओं का कारण बन सकती है.

अपने पत्र में उन्होंने सवाल किया कि सिग्नल अनुरक्षक द्वारा उचित प्रक्रियाओं का पालन क्यों नहीं किया गया, गैर-इंटरलॉक्ड कार्य के लिए नियमों और प्रक्रियाओं का पालन करने के महत्व पर बल दिया. पत्र पर प्रतिक्रिया देते हुए, कांग्रेस ने मोदी सरकार की आलोचना की और बालासोर ट्रेन त्रासदी को एक मानव निर्मित आपदा कहा जो केंद्र सरकार की पूर्ण अक्षमता और गलत प्राथमिकताओं के कारण हुई.

एक ट्वीट में कांग्रेस महासचिव और सांसद केसी वेणुगोपाल ने लिखा, 'बालासोर ट्रेन त्रासदी एक मानव निर्मित आपदा है जो केंद्र सरकार की पूर्ण अक्षमता और गलत प्राथमिकताओं के कारण हुई. प्रधानमंत्री को इस विफलता की जिम्मेदारी लेनी चाहिए. केंद्रीय रेल मंत्री का इस्तीफा एक अनिवार्यता है. ऐसा इसलिए हुआ है क्योंकि मोदी सरकार आवश्यक सुरक्षा और रखरखाव के उपाय करने में विफल रही.

इसने ट्रैक और सिग्नल विफलताओं के बारे में कई पूर्व चेतावनियों को नजरअंदाज कर दिया. इसमें दक्षिण पश्चिम रेलवे से 9 फरवरी 2023 को सिग्नलिंग में सुधार की आवश्यकता की ओर इशारा करते हुए चेतावनियां को नजरअंदाज किया गया. सरकार को शर्म आनी चाहिए कि क्या हुआ है और प्रधानमंत्री को पूरे देश को अपनी निगरानी में ऐसा करने के लिए जवाब देना चाहिए.

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