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UP विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा OBC मोर्चा ने अभी से तैयार की रणनीति

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर जातीय समीकरण साधने में भारतीय जनता पार्टी ने पूरा दमखम लगा दिया है. यही वजह है कि ब्राह्मण वोट बैंक को साधने के साथ-साथ भाजपा की नजर इस बार ओबीसी और दलित वोट पर भी है. पार्टी ने इन मोर्चा के अध्यक्षों को खास तौर पर पूरे उत्तर प्रदेश में दौरा करने का निर्देश दिया है. वरिष्ठ संवाददाता अनामिका रत्ना की रिपोर्ट

भाजपा ओबीसी मोर्चा के अध्यक्ष के. लक्ष्मण ने खास बातचीत
भाजपा ओबीसी मोर्चा के अध्यक्ष के. लक्ष्मण ने खास बातचीत

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Published : Sep 21, 2021, 11:02 PM IST

नई दिल्ली :उत्तर प्रदेश में 2022 में चुनाव है. लगभग सभी राजनीतिक पार्टियां चुनावी मोड में आ चुकी है लेकिन चुनाव प्रचार में अगर तेज गति से कोई भाग रहा है तो वह है भारतीय जनता पार्टी. बंगाल चुनाव की हार के बाद भाजपा ने उत्तर प्रदेश के चुनाव के लिए बहुत पहले से ही कमर कस ली है. साथ ही प्रदेश का कोई कोना संपर्क अभियान में छूटे ना इसका ध्यान रखा जा रहा है.

जहां इस बार भाजपा, आम आदमी के चुनावी मैदान में उतरने से कुछ राहत महसूस कर रही है. वहीं, दूसरी तरफ अपने दलित, ओबीसी और ब्राह्मण वोट बैंक के बीच विश्वास कायम करने में जी-जान से जुट गई है. पार्टी ने चुनाव प्रभारियों की लंबी चौड़ी टीम और संगठन मंत्रियों की नियुक्तियां की हैं. इसके अलावा उत्तर प्रदेश बीजेपी की इकाई की तरफ से एक कोर टीम भी बना दी गई है, चुनावी प्रचार की जिम्मेदारी भी इसी टीम को है. इस टीम में केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, अनुराग ठाकुर, भूपेंद्र यादव, अश्विनी वैष्णव, राजीव चंद्रशेखर, मुख्तार अब्बास नकवी और ज्योतिरादित्य सिंधिया जैसे भारी भरकम नामों को शामिल किया गया है.

भाजपा अपने ओबीसी और एसटी, एससी मोर्चा के अध्यक्षों को निर्देशित किया है कि वह उत्तर प्रदेश के तमाम जिलों का दौरा करें और जातिगत समस्याओं से संबंधित लिस्ट तैयार करें और वोट बैंक को साधने की कोशिश करें. उत्तर प्रदेश में वैसे भी भाजपा सिविल कोड के माध्यम से ओबीसी वोट बैंक को ट्रंप कार्ड की तरह इस्तेमाल करने के मूड में है.

जनता जानती है BJP ने पिछड़ों और अति पिछड़ों के लिए कितना काम किया : के. लक्ष्मण

भाजपा ओबीसी मोर्चा के अध्यक्ष के. लक्ष्मण ने खास बातचीत

भाजपा ओबीसी मोर्चा के अध्यक्ष के. लक्ष्मण ने खास बातचीत में बताया कि भारतीय जनता पार्टी सबका साथ सबका विकास के मुद्दे पर सभी राज्यों में चुनाव लड़ेगी. उन्होंने कहा कि बाकी पार्टियां मात्र पिछड़ों की बात करती हैं. बड़े-बड़े वायदे करती हैं लेकिन जब उनकी सरकार आ आती है तो उनके लिए कुछ नहीं करतीं. उन्होंने कहा कि लेकिन भाजपा में ऐसा नहीं है. पहली बार केंद्रीय मंत्रिमंडल में इतनी बड़ी संख्या में ओबीसी और अनुसूचित जाति और जनजाति के मंत्रियों को प्रधानमंत्री मोदी ने जगह दी है.

इस सवाल पर कि क्या भाजपा हाल में ही मानसून सत्र में पारित हुए ओबीसी संशोधन बिल को गेम चेंजर की तरह इस्तेमाल करेगी. उन्होंने कहा कि भाजपा जाति के आधार पर कभी चुनाव नहीं लड़ती. पार्टी सबका साथ सबका विश्वास के आधार पर ही योगी सरकार द्वारा किए गए कार्यों के आधार पर चुनाव लड़ेगी. मगर यह भी जनता जानती है कि भाजपा ने पिछड़ों और अति पिछड़ों के लिए कितना काम किया है. किसानों के लिए कितना काम किया है.

भाजपा ओबीसी मोर्चा के अध्यक्ष के. लक्ष्मण ने कहा कि 'घर घर जाएंगे और एक तरफ मोदीजी और दूसरी तरफ योगीजी, दोनों ही सरकारों द्वारा चलाई जा रही योजनाओं और गरीब कल्याण पिछड़ी और अति पिछड़ी जातियों के लिए किए गए कार्यों को बताएंगे.' उन्होंने कहा कि उनके प्रचार के बीच तालमेल और सामंजस्य होगा. सरकार द्वारा किए गए कार्यों और जातिगत समीकरण दोनों का सामंजस्य होगा.

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उन्होंने कहा कि 'चुनाव को जातिगत मुद्दों पर मोड़ने की कोशिश कांग्रेस कर रही है और समाजवादी व बसपा जैसी क्षेत्रीय पार्टियां कर रही हैं. लेकिन भाजपा जन-जन तक जाएगी. गरीबों के कल्याण के लिए किए गए कार्यो को भी उनको बताएगी. जितने कार्य मोदीजी और योगीजी ने किए हैं जनता उन पर ही भाजपा को वोट करेगी.'

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