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12वीं की परीक्षा दे रहे छात्रों को सबसे पहले दी जाए वैक्सीन : एनएसयूआई

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की 12वीं की बोर्ड परीक्षा आयोजित कराने को लेकर एनएसयूआई ने शिक्षा मंत्रालय को पत्र लिखा है. अपने पत्र में उन्होंने 12वीं की परीक्षा दे रहे छात्रों को सबसे पहले वैक्सीन दिए जाने की बात कही है. साथ ही कहा कि यदि ऐसा संभव नहीं है तो छात्रों की जान जोखिम में डालकर उनकी परीक्षा आयोजित कराने के बजाय उन्हें इंटरनल असेसमेंट के आधार पर प्रमोट किया जाए.

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Published : May 25, 2021, 5:40 AM IST

12वीं की परीक्षा दे रहे छात्रों को सबसे पहले दी जाए वैक्सीन
12वीं की परीक्षा दे रहे छात्रों को सबसे पहले दी जाए वैक्सीन

नई दिल्ली:केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की 12वीं की बोर्ड परीक्षा आयोजित कराने को लेकर एनएसयूआई ने शिक्षा मंत्रालय को पत्र लिखा है. अपने पत्र में उन्होंने 12वीं की परीक्षा दे रहे छात्रों को सबसे पहले वैक्सीन दिए जाने की बात कही है. साथ ही कहा कि यदि ऐसा संभव नहीं है तो छात्रों की जान जोखिम में डालकर उनकी परीक्षा आयोजित कराने के बजाय उन्हें इंटरनल असेसमेंट के आधार पर प्रमोट किया जाए.

छात्रों को सबसे पहले वैक्सीनेट किया जाए
बता दें कि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं को लेकर अभी कोई निर्णय नहीं लिया है. हालांकि कई राज्यों ने बोर्ड परीक्षा आयोजित कराने को लेकर अपनी सहमति जाहिर की है. वहीं इस पर आपत्ति जताते हुए एनएसयूआई ने शिक्षा मंत्रालय को एक पत्र लिखा है.

12वीं की परीक्षा दे रहे छात्रों को सबसे पहले दी जाए वैक्सीन

इसको लेकर एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज कुंदन ने कहा कि भारत सरकार द्वारा जारी गाइडलाइंस में 18 वर्ष से ऊपर के लोगों को वैक्सीन दिए जाने की बात कही है लेकिन उन विद्यार्थियों को लेकर कोई चर्चा तक नहीं की गई है जिनकी उम्र 17 वर्ष से अधिक है और जिन्हें बोर्ड परीक्षाओं के लिए बाध्य किया जा रहा है.

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इंटरनल असेसमेंट के आधार पर छात्रों को किया जाए प्रमोट
वहीं नीरज कुंदन ने कहा कि इस संबंध में उन्होंने शिक्षा मंत्रालय को एक पत्र लिखा है जिसमें यह याद दिलाने की कोशिश की है कि वैक्सीन सबसे पहले 12वीं की परीक्षा देने वाले छात्रों को दी जाए. साथ ही कहा है कि यदि फिलहाल यह संभव नहीं है तो छात्रों की जान जोखिम में डालकर उनकी परीक्षाएं आयोजित ना कराई जाए. बल्कि कोविड-19 महामारी को देखते हुए इंटरनल असेसमेंट या अन्य मूल्यांकन विधि से उन्हें पास किया जाए, जिससे उनका पूरा साल खराब ना हो. साथ ही परीक्षा को लेकर असमंजस की स्थिति में चल रहे छात्रों को इस मानसिक तनाव से छुटकारा मिल सके.

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