नयी दिल्ली: उच्च रक्तचाप, मधुमेह सहित गैर-संचारी रोग (एनसीडी) भारत में सभी मौतों के 63 प्रतिशत के लिए जिम्मेदार हैं, इन आंकड़ों का संज्ञान लेते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने 2025 तक ऐसे एनसीडी वाले 75 मिलियन लोगों को मानक देखभाल के तहत लाने के लिए एक कदम उठाया. 63 प्रतिशत मौतों में से, हृदय रोग (सीवीडी) की कुल मृत्यु दर 27 प्रतिशत है, इसके बाद पुरानी सांस की बीमारी 11 प्रतिशत, कैंसर 9 प्रतिशत, मधुमेह 3 प्रतिशत और अन्य 13 प्रतिशत है.
भारत-राज्य स्तरीय रोग बोझ पहल सीवीडी सहयोगी-2016 के अनुसार, हृदय रोग के 54.5 मिलियन मामले, इस्केमिक हृदय रोग के 23.8 मिलियन मामले, स्ट्रोक के 6.5 मिलियन मामले, सीओपीडी के 55 मिलियन मामले, अस्थमा के 38 मिलियन मामले और मधुमेह के 65 मिलियन मामले थे. इस तथ्य से वाकिफ, भारत सरकार ने 2025 तक उच्च रक्तचाप, मधुमेह वाले 7.5 करोड़ लोगों को मानक देखभाल पर लाने की योजना शुरू की है.
नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि 2025 तक उच्च रक्तचाप, मधुमेह के साथ 75 मिलियन लोगों को मानक देखभाल पर लाने के लिए भारत सरकार की यह एक बड़ी पहल है. इस पहल के तहत, प्रत्येक व्यक्ति की ठीक से जांच और निदान किया जाएगा. लोगों में रक्तचाप और मधुमेह को उचित दवा से नियंत्रित करने की आवश्यकता है. डॉ पॉल नई दिल्ली में उच्च रक्तचाप, मधुमेह की रोकथाम और प्रबंधन में तेजी लाने वाले एक कार्यक्रम के इतर ईटीवी भारत से बात कर रहे थे.