नई दिल्ली : केंद्र सरकार के अधीन प्रमुख भर्ती एजेंसियों से जुड़े पेपर लीक बीते दिनों की बात हो गई हैं. इसके लिए परीक्षा प्रणाली में नवाचार सबसे बड़ी वजह है. अधिकारियों के अनुसार, जून 2019 से तीन केंद्रीय भर्ती एजेंसियों - कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी), संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) और रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी) द्वारा आयोजित परीक्षाओं में प्रश्न पत्र के लीक होने की कोई सूचना नहीं है.
अधिकारियों ने पुष्टि की है कि भर्ती एजेंसियों द्वारा परीक्षाओं और भर्ती परीक्षणों के सुचारू संचालन के लिए आवश्यक व्यवस्था की गई है. इनमें से कई परीक्षाएं ऑनलाइन मोड में आयोजित की जाती हैं. परीक्षा स्थलों पर किए गए उपायों में हैंड-हेल्ड मेटल डिटेक्टरों की मदद से उम्मीदवारों की गहन जांच और तलाशी, कम शक्ति वाले जैमर की स्थापना और सीसीटीवी कैमरा निगरानी, परीक्षा स्थल पर ली गई तस्वीरों के साथ उम्मीदवारों की तस्वीरों का मिलान आदि शामिल हैं.
पिछले साल जुलाई में संसद के एक उत्तर के अनुसार, परीक्षाओं के सुचारू संचालन के लिए और योग्यता-आधारित चयन के उद्देश्य को पूरी तरह से प्राप्त करने के लिए, एसएससी जहां भी आवश्यक हो, परीक्षा प्रक्रिया और प्रक्रियाओं की लगातार समीक्षा और सुधार करता है. परीक्षा प्रक्रिया में अधिकतम दक्षता और विश्वसनीयता लाने के लिए नई पहल भी की जाती है.
पेपर लीक की रिपोर्ट आखिरी बार कंबाइंड ग्रेजुएट लेवल (सीजीएल) परीक्षा, 2017 के दूसरे चरण में हुई थी, जो 21 फरवरी, 2018 को हुई थी. इसकी उत्तर कुंजी कथित रूप से लीक हो गई थी और परीक्षा शुरू होने से पहले सोशल मीडिया पर वायरल हो गई थी.
सीबीआई ने 22 मई, 2018 को एसएससी के अज्ञात अधिकारियों सहित कुछ निजी व्यक्तियों और अन्य अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ उक्त परीक्षा में लीक सहित कदाचार के आरोप में एक नियमित मामला (आरसी) दर्ज किया था. यह सामने आया कि परीक्षार्थियों ने अज्ञात व्यक्तियों की बाहरी मदद से अपने प्रश्नपत्रों को हल करने के लिए रिमोट एक्सेस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया.