नई दिल्ली : कोविन प्लेटफॉर्म के डेटा में सेंधमारी की खबरों के बीच केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने सोमवार को कहा कि ऐसा नहीं लगता कि कोविड ऐप या डेटाबेस सीधे तौर पर इसका शिकार हुआ है.
उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय कंप्यूटर आपात प्रतिक्रिया दल (सर्ट-इन) ने तुरंत कदम उठाया और मामले की समीक्षा की है. सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) राज्य मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय डेटा प्रशासन नीति को अंतिम रूप दे दिया गया है जो देश में डेटा भंडारण, पहुंच और सुरक्षा मानकों का एक साझा ढांचा तैयार करेगी.
चंद्रशेखर ने ट्वीट किया, 'सोशल मीडिया पर कोविन डेटा में कथित सेंधमारी को लेकर कुछ खबरों के संदर्भ में कहना चाहता हूं कि सर्ट-इन ने तुरंत कदम उठाया और इसकी समीक्षा की है.'
उन्होंने कहा कि एक टेलीग्राम बॉट फोन नंबर की एंट्री पर कोविड ऐप का विवरण दिखा रहा था. मंत्री ने इस बारे में स्पष्ट करते हुए कहा, 'डेटा को बॉट द्वारा एक थ्रेट एक्टर डेटाबेस से एक्सेस किया गया, जिससे ऐसा लगता है कि इसे पूर्व में चोरी किए गए डेटा के साथ जोड़ा गया है. ऐसा नहीं लगता कि कोविड ऐप या डेटाबेस में सीधे तौर पर सेंधमारी हुई है.'
यह स्पष्टीकरण ऐसे वक्त आया है जब कोविन (कोविड वैक्सीन इंटेलिजेंस नेटवर्क) के डेटा में सेंधमारी की खबरें आई हैं. सेंधमारी की वजह से कथित तौर पर कुछ ऐसी व्यक्तिगत जानकारी तक पहुंच की अनुमति मिली जो लोगों ने टीकाकरण के लिए सरकार के पोर्टल पर दी थी.
सोशल मीडिया पर कुछ खबरों और पोस्ट के अनुसार, व्यक्ति का फोन नंबर, लिंग, पहचान पत्र, जन्म तिथि, आधार के अंतिम चार अंक, साथ ही उस केंद्र का नाम जहां टीका प्राप्त किया गया था, की जानकारी लीक हुई है.