पटना: बिहार की राजनीति में पिछले कुछ समय से उठा पटक का दौर जारी है. जीतन राम मांझी के बेटे संतोष सुमन ने नीतीश कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया तो वहीं मांझी महागठबंधन से अलग हो गए. इसके बाद सेनीतीश कुमार पर बीजेपी छोटी पार्टियों पर विलय का दबाव डालने का आरोप लगा रही है. वहीं नीतीश कुमार ने इस पूरे मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए जीतन राम मांझी पर जमकर हमला बोला है.
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बोले नीतीश- 'अलग हो गए..अच्छा हुआ': मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि जीतन राम मांझी बीजेपी वालों से मिलने जा रहे थे. बीजेपी की भी इच्छा मांझी को साथ लाने की थी, लेकिन हमसे सीट शेयरिंग को लेकर बात हो चुकी थी, उन्हें बता भी दिया गया था. हमने उनपर बहुत भरोसा किया था, यही कारण है कि उन्हें 2014 में मुख्यमंत्री तक बना दिया था.
"अभी हमारी मीटिंग होने वाली है. मांझी भी उसमें रहना चाहते थे. लेकिन बीजेपी वालों से मिल रहे थे और वहां की बात हमें आकर बताते थे. हमें तो सब पता ही था. हमने कह दिया कि हमने आपको बनाया है, अपनी पार्टी को मर्ज कीजिए या अलग हो जाइये. अलग हो गए, ठीक ही हुआ."- नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री, बिहार
'हमने पहले ही मांझी को अलग कर दिया': 23 जून को विपक्षी दलों की बैठक को लेकर नीतीश कुमार ने कहा कि सब पार्टी के लोग उस दिन अपनी-अपनी बात करेंगे. अगर उस मीटिंग में जीतन राम मांझी रहते तो जो कुछ भी वहां होता, उसकी खबर बीजेपी तक पहुंच जाती. इसलिए हमने पहले ही मांझी को अलग कर दिया. यहां ये बताना जरूरी है कि नीतीश कुमार ने विपक्षी दलों की बैठक में मांझी को निमंत्रण ही नहीं दिया था. फिर वो कैसे मीटिंग की बातों को विरोधियों से साझा करते?
'कोई नहीं चाहता था फिर भी मैंने बनाया था सीएम': राजभवन में शपथ ग्रहण समारोह के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि 2014 में हमने इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री बना दिया. पार्टी में कोई नहीं चाह रहा था कि मांझी मुख्यमंत्री बने. लेकिन हमने सोचा कि हमारे बाद एक शेड्यूल कास्ट का ही कोई मुख्यमंत्री बनेगा, इसलिए मांझी को सीएम बनाया गया था.
फिर बोले नीतीश.. 'समय से पहले लोकसभा चुनाव': साथ ही नीतीश कुमार ने समय से पहलेलोकसभा चुनावको लेकर एक बार फिर बयान दिया. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को अधिकार है कि वे चुनाव पहले करा सकते हैं. जिसको बहुमत है वह चाहे तो पहले चुनाव करा सकता है. जब हम लोग अटल जी के साथ थे तो उन्हीं के पार्टी वालों ने तीन चार महीने पहले चुनाव करवा दिया था, हालांकि अटल जी नहीं चाहते थे.
"विरोधी दल एकजुट हो रहे हैं. उन लोगों (बीजेपी) को लगेगा कि यह लोग आगे मिलकर बहुत कुछ करेंगे तो नुकसान होगा ,इसलिए लोकसभा चुनाव पहले करवा सकते हैं. इसकी संभावना हमेशा रहती है, इसलिए हमने सभी पार्टियों को अलर्ट कर दिया है, मिलकर लड़ियेगा."- नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री,बिहार