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बिहार में बढ़ते जिहादी चरमपंथ को रोकने में नाकाम रही नीतीश सरकार : विहिप - विहिप

विहिप ने नीतीश सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए आरोप लगाया है कि बिहार में जिहादी चरमपंथ को रोकने में प्रदेश सरकार नाकाम रही है. पढ़िए ईटीवी भारत के संवाददाता अभिजीत ठाकुर की रिपोर्ट...

VHP national spokesperson Vinod Bansal
विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल

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Published : Aug 10, 2022, 8:51 PM IST

नई दिल्ली :बिहार में नई गठबंधन सरकार के गठन और नीतीश कुमार के 8वीं बार राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने पर विश्व हिंदू परिषद ने राज्य में चरमपंथी, जिहादी गतिविधियों की लगातार बढ़ती घटनाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की अपनी मांग दोहराई है. विहिप ने आरोप लगाया कि बिहार में नीतीश की सरकार अब तक राज्य में जिहादी तत्वों के बढ़ते नेटवर्क को नियंत्रित करने में विफल रही है.

इस बारे में ईटीवी भारत से बात करते हुए विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा कि बिहार में वर्तमान राजनीतिक विकास में खतरनाक परिदृश्य को बदलने की संभावना नहीं है. उन्होंने कहा कि नया गठबंधन उन लोगों का संघ है जो जिहादियों के लिए नरम हैं और वे अप्रत्यक्ष रूप से धर्मनिरपेक्षता के नाम पर उनकी गतिविधियों का समर्थन करते हैं. बंसल ने कहा कि हमारे पास राज्य भर से विस्फोट, लव जिहाद, अवैध पशु तस्करी और मदरसों द्वारा आपत्तिजनक सामग्री सिखाने की घटनाओं की एक सूची है.

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उन्होंने कहा कि इसके लिए हम आवाज उठाते रहे हैं और यहां तक ​​कि उचित मंचों पर लिखित शिकायत भी दर्ज कराई गई है. उन्होंने कहा कि लेकिन जब बिहार की बात आती है, तो शायद ही कभी कोई कार्रवाई होती है. स्पष्ट रूप से राज्य में सरकार और प्रशासन हिंदू विरोधी गतिविधियों से संबंधित बहुत संवेदनशील मुद्दों की अनदेखी कर रहा है. विहिप नेता ने नालंदा के एक प्राथमिक उर्दू स्कूल में सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) का झंडा फहराए जाने का मुद्दा भी उठाया. बता दें कि एसडीपीआई का झंडा फहराए जाने और झंडे को सलामी देने वाले छात्रों की एक तस्वीर हाल ही में सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी. एसडीपीआई को पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) की राजनीतिक शाखा कहा जाता है. विहिप लंबे समय से पीएफआई और इससे जुड़े संगठनों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग कर रही है.

बंसल ने कहा कि नालंदा को कभी ज्ञान के केंद्र के रूप में जाना जाता था जहां ऐतिहासिक नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना की गई थी. लेकिन उसी नालंदा में हम देखते हैं कि उर्दू स्कूल चल रहे हैं और वे जो पढ़ा रहे हैं उसका पर्दाफाश हो गया है. उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब पूरा देश स्वतंत्रता का 75 वर्ष मना रहा है, हम देखते हैं कि एसडीपीआई का झंडा फहराया जा रहा है और बच्चे झंडे को सलामी दे रहे हैं. वे मासूम बच्चों के मन में उग्रवाद का जहर घोल रहे हैं और वहां की सरकार अभी भी वही पुरानी धुन गा रही है कि उन्होंने जो जांच के आदेश दिए हैं और मामले को देखेंगे.

बंसल ने कहा कि सरकार और प्रशासन को जिहादी गतिविधियों को बढ़ाने और राज्य में मदरसों और मस्जिदों की भागीदारी के मुद्दे पर विचार करना चाहिए. उन्होंने कहा, अब सरकारी स्कूलों में भी इसे फैलाने का काम किया जा रहा है और देश के सामने आतंकवादी मानसिकता एक चुनौती है. इतना ही नहीं रविवार की छुट्टी को शुक्रवार की छुट्टी में बदला जा रहा है.
बिहार में चारों ओर से घटनाएं होती रहती हैं और प्रशासन केवल इतना कहता है कि वे जांच करेंगे. यह निराशाजनक है कि जब देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है तो बिहार से इस तरह की घटनाएं सामने आ रही हैं, इसे तुरंत रोका जाना चाहिए. हालांकि बिहार सरकार का गठबंधन जदयू नेता और राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के रूप में बदल गया और फिर से पुराने साथी भाजपा के साथ टूट गया और नई गठबंधन सरकार बनाने के लिए राजद के साथ हाथ मिला लिया. कांग्रेस भी गठबंधन में शामिल हो गई है जबकि वाम मोर्चे ने बाहर से जदयू-राजद-हम-कांग्रेस को अपना समर्थन दिया है.

वर्तमान परिदृश्य में जब राज्य विधानसभा में लोजपा लगभग एक नगण्य कारक है और पार्टी विभाजन के बाद पहले ही कमजोर हो गई है, भाजपा 2024 के आम चुनाव और 2025 के विधानसभा चुनावों की दौड़ से पहले ही अकेली खड़ी है. राजनीतिक विशेषज्ञ इस बात का विश्लेषण कर रहे हैं कि आने वाले दिनों में भाजपा राज्य में और अधिक समर्थन हासिल करने के लिए राष्ट्रवाद और हिंदुत्व के अपने एजेंडे पर कायम रहेगी.

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