नई दिल्ली : नागपुर स्थित राष्ट्रीय पर्यावरण आभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान (National Environmental Engineering Research Institute-NIRI) ने नमक-पानी के गरारे (saline gargle) से आरटी-पीसीआर जांच (RT-PCR Test) करने की स्वदेश विकसित तकनीक का पूरा ब्योरा व्यावसायीकरण के उद्देश्य से सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (Micro, Small and Medium Enterprises-MEME) मंत्रालय को हस्तांतरित किया है. आरटी-पीसीआर जांच की यह तकनीक सरल, तेज, किफायती और रोगी के लिहाज से सुविधाजनक है.
रविवार को एक बयान में यह जानकारी देते हुए कहा गया कि इसके तत्काल परिणाम मिल जाते हैं और यह ग्रामीण तथा आदिवासी इलाकों के लिहाज से उचित है, जहां बहुत कम बुनियादी सुविधाएं हैं. NIRI, वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (Council of Scientific and Industrial Research-CSIR) के तहत काम करने वाला संस्थान है.
बयान के अनुसार, तकनीक की समस्त जानकारी MSME मंत्रालय को हस्तांतरित की गई है. इससे इस नवोन्मेषी तरीके का व्यावसायीकरण होगा और सभी सक्षम पक्षों को लाइसेंस प्रदान किये जा सकेंगे जिनमें निजी, सरकारी और कई ग्रामीण विकास विभाग शामिल हैं.
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