नई दिल्ली: यमन में मौत की सजा पा चुकी केरल की नर्स निमिषा प्रिया की मां ने मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट में एक हलफनामा दायर कर बताया कि तीन लोग उनके साथ यमन जाने को तैयार हैं. निमिषा प्रिया की मां ने जिन लोगों के बारे में हलफनामा में सूचना दी है उनमें कुन्हाम्मद नादुविलाक्कांडी, सैमुअल जेरोम भास्करन और के संजीव कुमार शामिल हैं.
निमिषा प्रिया की मां ने बताया कि तीनों लोग यमन में अपना व्यवसाय करते हैं. कुन्हाम्मद पिछले 30 वर्षों से मध्य-पूर्व में व्वयसाय करते हैं. वे यमन की स्थानीय भाषा और अरबी बोल समझ सकते हैं. सैमुअल जेरोम भास्करन यमन में वैध पासपोर्ट के आधार पर पिछले 24 सालों से काम कर रहे हैं. भास्करन फिलहाल फेलिक्स एयरवेज के सीईओ हैं. वहीं, के संजीव कुमार भी यमन में पिछले 10 सालों से कार्य कर रहे हैं.
दरअसल, 4 दिसंबर को हाईकोर्ट ने निमिषा प्रिया की मां को निर्देश दिया था कि वो हलफनामा दाखिल कर बताएं कि उनके साथ यमन कौन कौन जाना चाहता है. सुनवाई के दौरान निमिषा प्रिया की मां की ओर से पेश वकील सुभाष चंद्रन ने बताया था कि यमन में व्यवसाय चला रहे तीन भारतीय अभी भारत में हैं और वो यमन जाने को तैयार हैं. उसके बाद कोर्ट ने उन भारतीय नागरिकों की विस्तृत जानकारी हलफनामा के जरिए देने का निर्देश दिया था.
केंद्र सरकार से नहीं मिली यमन जाने की अनुमति:निमिषा प्रिया की मां ने दिल्ली हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल कर अपनी बेटी को फांसी से बचाने यमन जाने की अनुमति देने की मांग की है. 2 दिसंबर को विशेष सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा था कि क्या निमिषा की मां को यमन जाने की इजाजत दी जा सकती है.
निमिषा प्रिया की मां की ओर से पेश वकील सुभाष चंद्रन ने कहा था कि याचिकाकर्ता ने केंद्र सरकार से यमन जाने की अनुमति मांगी थी, लेकिन केंद्र सरकार ने 1 दिसंबर को यमन जाने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था. केंद्र सरकार ने कहा था कि यमन में भारतीय दूतावास बंद हो चुका है. फिलहाल भारत की कोई राजनयिक उपस्थिति नहीं है, इसलिए कुछ भी अनहोनी होने पर केंद्र उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी नहीं ले सकता है.
यह है पूरा मामला:7 मार्च 2022 को यमन की अदालत ने निमिषा प्रिया की अपील को खारिज कर दिया था. निमिषा प्रिया पर 2017 में यमन के नागरिक तलल आब्दो माहदी की हत्या का आरोप है. निमिषा पर आरोप है कि उसने माहदी को नशीला पदार्थ पिलाया जिसके ओवरडोज से उसकी मौत हो गई. निमिषा एक प्रशिक्षित नर्स है. उसने 2014 में यमन की राजधाना सना में अपना क्लिनिक स्थापित करने के लिए माहदी से मदद ली थी.
यमनी कानून के मुताबिक यमन में केवल उसके नागरिकों को ही क्लीनिक और व्यावसायिक फर्म स्थापित करने की अनुमति है. बाद में दोनों के संबंध बिगड़ गए और महादी उसे प्रताड़ित करने लगा. महादी ने निमिषा का पासपोर्ट अपने कब्जे में ले लिया. आरोप है कि निमिषा महादी के चंगुल से बचने के लिए एक यमनी नर्स के साथ योजना बनाकर नशीले इंजेक्शन दिया, जिसके ओवरडोज से उसकी मौत हो गई.