NIA Raids In Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में एनआईए की रेड, CPI Maoist से जुड़े मामलों में कार्रवाई ! - तेलंगाना के भद्रादी
NIA Raids In Chhattisgarh नक्सलियों से जुड़े केस की जांच करने के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने शनिवार को तेलंगाना और छत्तीसगढ़ के आठ इलाकों में छापेमारी की है. इस छापेमारी के बाद एनआईए ने 12 आरोपियों के खिलाफ केस पर जांच की है. इन छापों की बीजापुर जिला प्रशासन ने पुष्टि नहीं की है. बीजापुर के एएसपी चंद्रकांत गवर्ना ने कहा है कि इस मामले में हमें कोई जानकारी नहीं है. CPI Maoist Case
नई दिल्ली/रायपुर: नक्सलियों के खिलाफ अब एनआईए का शिकंजा भी कसता जा रहा है. शनिवार को भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (M, माओवादी ) से जुड़े एक केस में NIA ने छत्तीसगढ़ और तेलंगाना राज्य के 8 इलाकों में रेड की है.
जून 2023 की कार्रवाई से जुड़ा है मामला (NIA Raids In Chhattisgarh And Telangana): यह पूरा केस जून 2023 की कार्रवाई से जुड़ा हुआ बताया जा रहा है. तेलंगाना के कोठागुडेम और चेरला डिविजन में जून 2023 में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था. उनके पास से कई विस्फोटक बरामद किए गए थे. इसके अलावा एक लेथ मशीन भी जब्त किया गया था. एक ड्रोन भी बरामद हुआ था. उस दौरान NIA ने 12 आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया था.
तेलंगाना और छत्तीसगढ़ में एनआईए का छापा: इसी केस में एनआईएशनिवार को वारंगल के पांच स्थानों और तेलंगाना के भ्रद्राद्री, कोठागुदम में दो स्थान पर कार्रवाई की है. इसी केस में एनआईए ने छत्तीसगढ़ के बीजापुर के पामेड़ में एक स्थान पर छापेमारी की है. इस तरह कुल 8स्थानों पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने अपनी छापेमार कार्रवाई की है. इस रेड में एजेंसी को कई डिजिटल उपकरण और आपत्तिजनक दस्तावेज मिले हैं. जिसकी जांच की जा रही है. उधर बीजापुर जिला प्रशासन ने इस छापे की पुष्टि नहीं की है. बीजापुर के एएसपी चंद्रकांत गवर्ना ने किसी भी जानकारी से इंकार किया है.
देश विरोधी कार्य का हुआ था खुलासा: इससे पहले भी एनआईए ने इस केस में देश विरोधी कार्यों का खुलासा किया था. एनआईए की जांच में यह साबित हुआ था कि भारत सरकार के खिलाफ वामपंथी चरमपंथी संगठन सीपीआई (माओवादी) के सदस्य लगे हुए थे. ये भारत विरोधी एजेंडे को बढ़ा रहे थे. आरोपियों के पास से जून महीने में मिले विस्फोटक की जांच में यह खुलासा हुआ था कि इसका इस्तेमाल नक्सल प्रभावित इलाको में किया जाने वाला था. यही वजह था कि इस केस को एनआईए को सौंपा गया था. NIA ने चेरला ड्रोन मामले की जांच भी की है.