नई दिल्ली : कर्नाटक में भाजपा जनता युवा मोर्चा के सदस्य प्रवीण नेतारू की हत्या के मामले में एनआईए ने दो और आरोपियों के खिलाफ पूरक आरोप पत्र दायर किया है. इस संबंध में बुधवार को दायर चार्जशीट में नामजद दो आरोपियों में से एक की पहचान तुफैल एचएम के रूप में हुई है. यह काफी समय से फरार चल रहा था जिसे बाद में बेंगलुरु में एनआईए की एक टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया.
तुफैल एमएच और महम्मद जाबिर के खिलाफ आईपीसी और यूए (पी) अधिनियम 1967 की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं. इसके साथ ही मामले में कुल 21 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया है. एनआईए जांच में पता चला है कि कोडागु जिले का रहने वाला तुफैल जिले में पीएफआई सर्विस टीम का प्रभारी था और पीएफआई मास्टर ट्रेनर भी था. उसके द्वारा नियमित रूप से प्रशिक्षण देने का काम किया जाता था. इस दौरान प्रतिबंधित संगठन के कैडरों को हथियारों का प्रशिक्षण भी दिया जाता था.
एनआईए का कहना है कि तुफैल ने कर्नाटक के कोडागु और मैसुरु जिलों के अलावा तमिलनाडु के इरोड जिले में प्रवीण नेतारू के तीन हमलावरों को शरण दी थी. बता दें कि दक्षिण कन्नड़ जिले के सुल्लिया तालुका के बेल्लारी गांव में 26 जुलाई 2022 को भाजपा युवा मोर्चा नेता नेतारू की हत्या कर दी गई थी. एक विशेष समुदाय के नेताओं की हत्या की पीएफआई की साजिश में तुफैल ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. इस हत्या का उद्देश्य आतंक फैलाने के साथ ही 2047 तक भारत में इस्लामिक शासन स्थापित करने के अपने लक्ष्य को आगे बढ़ाने के मद्देनजर समाज में सांप्रदायिक घृणा और अशांति पैदा करना था.
मामले में एनआईए के द्वारा प्रारंभिक चार्जशीट 20 जनवरी 2023 को दायर की गई थी. एनआईए ने तब कहा था कि पीएफआई ने अपने कथित दुश्मनों की हत्या करने के लिए गुप्त सर्विस टीम या किलर स्क्वॉड का गठन किया था. आरोपी महम्मद जाबिर पीएफआई पुत्तूर जिला अध्यक्ष था और साजिश की बैठक में सक्रिय रूप से भाग लिया था जहां प्रवीण नेतारू की रेकी करने और हत्या करने का फैसला किया गया था.
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