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इकबालपुर-मोमिनपुर हिंसा मामले में NIA का पश्चिम बंगाल के 17 स्थानों पर छापा, नकदी और हथियार बरामद

पश्चिम बंगाल में हुई इकबालपुर-मोमिनपुर हिंसा मामले में एनआईए ने 17 से अधिक ठिकानों पर सर्च ऑपरेशन चलाया. इस दौरान तीन लोगों के यहां से 33 लाख कैश और हथियार के अलावा आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए गए हैं. पढ़िए पूरी खबर...

NIA (symbolic)
एनआईए (प्रतीकात्मक)

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Published : Jan 4, 2023, 6:54 PM IST

Updated : Jan 4, 2023, 8:11 PM IST

नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने बुधवार को पश्चिम बंगाल में हुई इकबालपुर-मोमिनपुर हिंसा मामले में 17 से अधिक स्थानों पर छापेमारी की. छापेमारी में 33 लाख रुपये से अधिक की नकदी बरामद की. पिछले साल 9 अक्टूबर 2022 को दुर्गा पूजा के तुरंत बाद इकबालपुर-मोमिनपुर में हिंसा की वारदात हुई थी. इस दौरान दो गुट आपस में भिड़ गए थे. हिंसा के दौरान कई घरों में तोड़फोड़ की गई थी. काफी दुकानें जला दी गई थी. उन्हीं आरोपों पर संज्ञान लेते हुए एनआईए ने मामला दर्ज किया गया. बाद में गृह मंत्रालय की और से मांगी गई रिपोर्ट में कोलकाता पुलिस ने लगभग 44 लोगों को गिरफ्तार किया गया था.

एनआईए ने संदिग्धों के घर और कार्यालय परिसर में छापेमारी की. वहीं तलाशी अभियान के दौरान कुल 33,87,300 रुपये की राशि, धारदार हथियार और अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए गए हैं. एनआईए के एक अधिकारी ने कहा कि मोहम्मद सलाउद्दीन सिद्दीकी के घर से 30,55,000 रुपये, जाकिर हुसैन के घर से 1,59,300 रुपये और टीपू के घर से 1,73,000 रुपये बरामद किए गए हैं. अधिकारी ने कहा, 'तीनों फिलहाल फरार हैं. हमें संदेह है कि सामाज में अशांति पैदा करने वाली झड़प में उनकी संलिप्तता थी.' उन्होंने बताया कि कोलकाता के मोमिनपुर इलाके में भुकैलाश रोड पर 17 जगहों पर तलाशी अभियान चलाया गया.

एनआईए अधिकारी ने कहा, ईंट-पत्थरबाजी, पथराव और एक-दूसरे पर बम भी फेंके गए थे. इस दौरान लोग बम और लाठियों सहित घातक हथियारों से लैस थे. अधिकारी ने कहा कि उन्होंने सुरक्षा बलों के जवानों पर भी हमला किया और उन पर हमला किया और कई वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया था. इकबालपुर और मोमिनपुर में हुई हिंसा मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट के निर्देश के बाद 20 अक्टूबर से एनआईए ने जांच का काम संभाला था.

मोमिनपुर में घटना का मामला -कोलकाता के मोमिनपुर में शरद पूर्णिमा की रात लक्ष्मी पूजा मनाई जा रही थी. इसके साथ ही मिलाद-उल-नबी का भी त्यौहार था. तथाकथित रूप से वहीं एक झंडा लगने को लेकर दो पक्षों में हिंसा हुई. सड़कों पर खड़ी बाईकें तोड़ दी गई. इसके साथ ही उपद्रवियों ने कुछ छोटी-छोटी गुमटियां जला डाली. हिंसा से डर के मारे लोग अपने घर छोड़कर चले गए. इलाके में ईंट पत्थर चले. बाद में लोगों ने जाकर इकबालपुर थाने में तोड़फोड़ की शिकायत की. स्थानीय लोगों का आरोप है कि पुलिस ने हिंसा करने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं की है.

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Last Updated : Jan 4, 2023, 8:11 PM IST

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