श्रीनगर : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने मंगलवार को आतंकवाद विरोधी कानून के तहत जम्मू कश्मीर के पुलवामा जिले में कई संपत्तियों को कुर्क किया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि जम्मू में एनआईए की विशेष अदालत के आदेश पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के प्रावधानों के तहत अचल संपत्तियों को कुर्क किया गया. अधिकारियों ने बताया कि एनआईए ने अब तक जिले की काकापोरा तहसील में लगभग 20,000 वर्ग फुट की दो भूमि संपत्तियों (बगीचों) को कुर्क किया है.
पुलवामा में गिरफ्तार आतंकी की संपत्तियां जब्त :एनआईए के अधिकारियों ने एक गिरफ्तार आतंकवादी की संपत्ति जब्त कर ली, जिसने एक विदेशी आतंकवादी के भगाने में मदद की थी. अधिकारियों ने बताया कि एनआईए की एक टीम ने मंगलवार को पुलवामा जिले के बेगमबाग गांव में एक संपत्ति जब्त की, जो सिंगू नरबल निवासी अब्दुल अहद खान के बेटे मोहम्मद टीका खान की है. खान 2018 से हिरासत में हैं. उन्होंने कहा, "यह कार्रवाई 2018 में श्रीनगर के एसएमएचएस अस्पताल से लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के आतंकवादी मोहम्मद नवीद जट (अब मारा गया) के भागने से संबंधित है."
आरोपी की 8 में से 5 संपत्तियां जब्त :2018 मामले में एनआईए द्वारा पुलवामा जिले में जब्त की गईं आठ में से पांच संपत्तियां आरोपी मोहम्मद शफी वानी की हैं. वहीं, अन्य तीन संपत्तियां मोहम्मद टिक्का खान की हैं. ये दोनों जम्मू कश्मीर के पुलवामा में सिंगू नारबल के निवासी हैं. एनआईए विशेष न्यायालय, जम्मू के हालिया आदेशों के अनुपालन अनुसार, इन संपत्तियों को कुर्क किया गया. अधिकारी ने कहा, "लश्कर के ओवरग्राउंड वर्कर के रूप में पहचाने जाने वाले वानी और खान की कुर्क की गई अचल संपत्तियों में जमीन के विभिन्न प्लॉट शामिल हैं. शफी का आवासीय घर भी कुर्क किया गया है."
क्या है मामला :मामला 6 फरवरी 2018 को मेडिकल जांच के लिए श्रीनगर के एसएमएचएस अस्पताल में लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी नवीद जट्ट उर्फ अबू हंजला को ले जा रहे पुलिस दल पर गोलीबारी के दौरान जम्मू-कश्मीर पुलिस के दो कर्मियों की हत्या से जुड़ा था. हमले में पाकिस्तानी मूल के एक आतंकवादी जट्ट को जबरन रिहा करा लिया गया था, जिसे दोनों आरोपियों ने अन्य लोगों के साथ मिलकर अपने पाकिस्तान स्थित लश्कर कमांडरों के आदेश पर अंजाम दिया था. बाद में 2018 में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में जट्ट मारा गया. दोनों आरोपियों को 8 फरवरी 2018 को उनके पुलवामा स्थित घरों से गिरफ्तार किया गया था और उनके पास हथियार पाए गए थे. एनआईए ने 3 अगस्त 2018 को उनके खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था और वे वर्तमान में एनआईए विशेष अदालत (जम्मू) के समक्ष आईपीसी, यूए (पी) ए और शस्त्र अधिनियम की कई धाराओं के तहत मुकदमे का सामना कर रहे हैं.
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