दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

गंगा में लाश मामला : मानवाधिकार आयोग ने केंद्र, उत्तर प्रदेश और बिहार को नोटिस जारी किया

उत्तर प्रदेश और बिहार में गंगा नदी में कई लाशें मिलने की शिकायतों के बाद बृहस्पतिवार को एनएचआरसी ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय और दोनों राज्यों को नोटिस जारी किया.

गंगा में लाश मामला
गंगा में लाश मामला

By

Published : May 13, 2021, 7:18 PM IST

Updated : May 13, 2021, 9:57 PM IST

नई दिल्ली : राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने उत्तर प्रदेश और बिहार में गंगा नदी में कई लाशें मिलने की शिकायतों के बाद गुरुवार को केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय और दोनों राज्यों को नोटिस जारी किया.

आयोग ने बयान में कहा, 'उसने (एनएचआरसी) दोनों राज्यों के मुख्य सचिवों और केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय के सचिव को आज नोटिस जारी कर चार सप्ताह में कार्रवाई रिपोर्ट मांगी है.'

उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के रहने वाले लोगों के मुताबिक नरही इलाके के उजियार, कुल्हड़िया और भरौली घाट पर कम से कम 52 लाशें बहती हुई दिखाई दी हैं. इसी तरह गंगा नदी में लाशों के बहने की खबर बिहार से भी मिली है.

मरने वालों की संख्या अप्रत्याशित
बयान में एनएचआरसी ने कहा कि ऐसा लगता है कि प्रशासनिक अधिकारी जनता को जागरूक करने और गंगा नदी में अधजली या बिना जली लाशों को बहाने से रोकने में असफल हुए हैं. उल्लेखनीय है कि भारत कोरोना वायरस महामारी से बुरी तरह से प्रभावित है और देशभर के श्मशान और कब्रिस्तान पर क्षमता से अधिक बोझ है.

मीडिया रिपोर्ट्स से मिली जानकारी
एनएचआरसी ने बयान में कसा, 'शवों को हमारी पवित्र गंगा नदी में प्रवाहित करना स्पष्ट रूप से जल शक्ति मंत्रालय के राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के दिशानिर्देशों का उल्लंघन है.' आयोग ने बताया कि उसे 11 मई, 2021 को मीडिया में आई खबरों के हवाले से शिकायत मिली और उसमें आशंका जताई गई कि नदी में बह रहे शव कोविड-19 संक्रमितों के हैं.

यह भी पढ़ें: -बिहार के बक्सर में गंगा घाट पर फिर मिले आठ शव, उठ रहे कई सवाल

आम जनजीवन पर होगा गंभीर असर
एनआरसी ने उल्लेख किया कि शिकायत में इंगित किया गया कि इस तरह से शवों को बहाये जाने से उन लोगों पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा जो दैनिक कार्यों के लिए गंगा नदी पर निर्भर हैं.

मृतकों के मानवाधिकार का उल्लंघन
आयोग ने कहा, 'इसमें (शिकायत) में आगे कहा गया कि अगर ये शव कोविड-19 संक्रमितों के नहीं भी हैं तो ऐसी घटना समाज के लिए शर्मनाक है और यहां तक कि मृतकों के मानवाधिकार का भी उल्लंघन है.

क्या है पूरा मामला

गौरतलब है कि गत 10 मई को बिहार के बक्सर जिले के चौसा प्रखंड अंतर्गत महादेवा घाट पर गंगा किनारे 50 से अधिक लाशें उतराती मिली थीं. जिन्हें आवारा कुत्ते नोंचकर खा रहे थे. लाशें मिलने के बाद मामले पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया था. इसके बाद 11 मई को उत्तर प्रदेश के गाजीपुर के गहमर गांव के नरोरा गंगा घाट, कछला गंगा घाट और बुलाकी दास बाबा की मठिया घाट के पास करीब एक किलोमीटर के दायरे में 100 से अधिक शव गंगा नदी के किनारे उतराते पाए गए थे.

यह भी पढ़ें:

कई दिन पुराने शव बरामद
बरामद किए गए शवों में से अधिकतर दो से चार दिन पुराने प्रतीत हो रहे थे. इतना ही नहीं बक्सर और गाजीपुर में गंगा नदी में दर्जनों शव मिलने के बाद अब यूपी के बलिया जिले में भी एक दर्जन शव बरामद किए गए थे.

गंगा नदी में शवों के अंबार मिलने के बाद पड़ताल में यह खुलासा हुआ कि उत्तर प्रदेश के प्रशासनिक महकमे के आदेश पर ही शवों को बिहार की सीमा में फेंका जा रहा है. गूगल लोकेशन के आधार और शव फेंकते व्यक्ति की निशानदेही पर ये खुलासा होने की बात सामने आई. वहीं बिहार के बक्सर में लगातार मिल रही लाशों के बाद राज्य सरकार के निर्देश पर बॉर्डर पर गंगा में महाजाल लगाया गया था. जिसके बाद वहां 6 और शव फंसे हुए मिले थे.

Last Updated : May 13, 2021, 9:57 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details