चंडीगढ़ :रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि अफगानिस्तान में मौजूदा घटनाक्रम ने सुरक्षा के नए सवाल खड़े कर दिए हैं और केंद्र सरकार सतर्क तथा किसी भी स्थिति से निपटने में सक्षम है.
उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी राष्ट्र विरोधी ताकत को अफगानिस्तान के घटनाक्रम का फायदा उठाकर सीमा पार से आतंकवाद को बढ़ावा देने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार किसी भी स्थिति से निपटने में सक्षम है.
वह राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर पंजाब विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित तीसरे बलरामजी दास टंडन स्मृति व्याख्यान को संबोधित कर रहे थे. सिंह ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए अपने संबोधन में कहा कि पड़ोसी देश अफगानिस्तान में जो हो रहा है, उससे सुरक्षा के लिहाज से नए सवाल उठ रहे हैं और हमारी सरकार वहां के घटनाक्रम पर नजर रखे हुए है.
सिंह ने कहा कि भारतीयों की सुरक्षा के साथ-साथ हमारी सरकार यह भी चाहती है कि देश विरोधी ताकतें वहां के घटनाक्रम का फायदा उठाकर सीमा पार से आतंकवाद को बढ़ावा न दें. उन्होंने कहा कि हमारी कुछ और चिंताएं हैं जो राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से चुनौती बन सकती हैं.
तालिबान ने अमेरिकी सैनिकों के अफगानिस्तान से पूरी तरह बाहर निकलने की समयसीमा समाप्त होने से दो सप्ताह पहले सभी प्रमुख शहरों पर कब्जा करके 15 अगस्त को देश पर नियंत्रण कर लिया है. इस सप्ताह के शुरु में काबुल हवाई अड्डे के बाहर हुए इस्लामिक स्टेट के आत्मघाती हमले में 180 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी.
सिंह ने कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी नीत सरकार पूरी तरह सतर्क है और किसी भी स्थिति से निपटने में सक्षम है. उन्होंने कहा कि हम वायु, जल और थल- कहीं से भी उत्पन्न होने वाले खतरों से निपटने के लिए हमेशा तैयार हैं.
रक्षा मंत्री ने नई चुनौतियों का सामना करने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा प्रणाली को लगातार उन्नत और अद्यतन करने पर जोर दिया और कहा कि आधुनिक तकनीक के विकास के कारण कुछ नए खतरे सामने आए हैं. उन्होंने इस साल की शुरुआत में जम्मू वायु सेना स्टेशन पर ड्रोन से दो बम गिराए जाने का जिक्र किया.
सिंह ने कहा कि हमें नई चुनौतियों के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा प्रणाली को लगातार उन्नत और अद्यतन करना होगा. उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य देश को समृद्ध, मजबूत और सुरक्षित बनाना है. उन्होंने कहा कि ऐसा भारत जो किसी को डराता नहीं बल्कि छोटे देशों में सुरक्षा की भावना विकसित करता हो और भारत की बढ़ती ताकत उनके लिए खतरा नहीं हो.
सिंह ने यह भी कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच विश्वास की कमी है और देश को राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से इस तथ्य को लेकर सतर्क रहने की जरूरत है. सिंह ने कहा कि पाकिस्तान समझ गया है कि उन्हें संघर्ष विराम समझौतों का उल्लंघन करने का कोई फायदा नहीं होगा. उन्होंने कहा कि इस साल फरवरी में नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम बरकरार रखने के लिए भारत और पाकिस्तान के सैन्य अभियान महानिदेशक (डीजीएमओ) के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे.