नई दिल्ली : पैकेटबंद और लेबल वाले खाद्य पदार्थ मसलन आटा, दालें और अनाज सोमवार से माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में आ गए हैं. इनके 25 किलोग्राम से कम वजन के पैक पर पांच प्रतिशत जीएसटी लागू हो गया है. वित्त मंत्रालय ने कहा कि जीएसटी उन उत्पादों पर लगेगा, जिनकी आपूर्ति पैकेटबंद सामग्री के रूप में की जा रही है. हालांकि, इन पैकेटबंद सामान का वजन 25 किलोग्राम से कम होना चाहिए. दही और लस्सी जैसे पदार्थों के लिए यह सीमा 25 लीटर है.
पहले इन सामानों पर नहीं लगता था जीएसटी और अब
बैंक चेक पर 18 फीसदी जीएसटी
दही, लस्सी, बटर मिल्क, पनीर पर पांच फीसदी जीएसटी
चावल, गेहूं, सरसों, बार्लेी, ओट्स पर पांच फीसदी जीएसटी
गुड़, नेचुरल शहद पर पांच फीसदी जीएसटी
अस्पताल : पांच हजार रु. से अधिक महंगे कमरे पर पांच फीसदी जीएसटी
होटल - एक हजार रु. से कम वाले कमरों पर 12 फीसदी जीएसटी
सोलर, वाटर हीटर पर 12 फीसदी जीएसटी (पहले पांच फीसदी लगता था)
एलईडी लैंप, लाइट्स पर 18 फीसदी जीएसटी (पहले 12 फीसदी लगता था)
मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि 18 जुलाई, 2022 से नई दरें लागू हो गईं हैं. उनके अनुसार पहले से पैक तथा लेबल वाले उत्पादों की आपूर्ति पर जीएसटी लगेगा. उदाहरण के लिए, चावल, गेहूं जैसे अनाज, दालों और आटे पर पहले पांच प्रतिशत जीएसटी तब लगता था, जब ये किसी ब्रांड के होते थे. अब 18 जुलाई से जो भी सामान पैकेटबंद है और जिसपर लेबल लगा है, उन पर जीएसटी लगेगा.
इसके अलावा दही, लस्सी और मुरमुरे जैसी अन्य वस्तुएं यदि पहले से पैक और लेबल वाली होंगी, तो इनपर पांच फीसदी की दर से जीएसटी लगेगा. पांच प्रतिशत जीएसटी पहले से पैक उन्हीं वस्तुओं पर लगेगा जिनका वजन 25 किलोग्राम या इससे कम है. हालांकि, खुदरा व्यापारी 25 किलो पैक में सामान लाकर उसे खुले में बेचता है तो इसपर जीएसटी नहीं लगेगा.
भाजपा सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ का बयान पिछले हफ्ते सरकार ने अधिसूचित किया था कि 18 जुलाई से बिना ब्रांड वाले और पैकेटबंद तथा लेबल वाले खाद्य पदार्थों पर पांच प्रतिशत की दर से जीएसटी लगेगा. इससे पहले तक केवल ब्रांडेड सामान पर ही जीएसटी लगाया जाता था.
इसमें कहा गया, 'यह स्पष्ट किया जाता है कि अनाज, दालें और आटे के एक-एक पैकेट जिनका वजन 25 किलोग्राम/लीटर से अधिक है वे पहले से पैक एवं लेबल वाली वस्तुओं की श्रेणी में नहीं आएंगे, अत: इनपर जीएसटी नहीं लगेगा.' इसमें उदाहरण देते हुए कहा है कि खुदरा बिक्री के लिए पैकेटबंद आटे के 25 किलोग्राम के पैकेट की आूपर्ति पर जीएसटी लगेगा. हालांकि, इस तरह का 30 किलो का पैकेट जीएसटी के दायरे से बाहर होगा.
यह भी बताया गया किउस पैकेज पर जीएसटी लगेगा जिसमें कई खुदरा पैक होंगे. उसने उदाहरण दिया कि 50 किलो वाले चावल के पैकेज को पहले से पैक और लेबल वाला सामान नहीं माना जाएगा और इसपर जीएसटी नहीं लगेगा. एएमआरजी एंड एसोसिएट्स में वरिष्ठ साझेदार रजत मोहन ने कहा कि इस कर से चावल और अनाज जैसी बुनियादी खाद्य वस्तुओं की मूल्य आधारित मुद्रास्फीति आज से ही बढ़ जाएगी.
इस तरह 5,000 रुपये से अधिक किराये वाले अस्पताल के कमरों पर भी जीएसटी देना होगा. इसके अलावा 1,000 रुपये प्रतिदिन से कम किराये वाले होटल कमरों पर 12 प्रतिशत की दर से करलगाने की बात कही गयी है. अभी इसपर कोई कर नहीं लगता है.
टेट्रा पैक और बैंक की तरफ से चेक जारी करने पर 18 प्रतिशत और एटलस समेत नक्शे तथा चार्ट पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगेगा. खुले में बिकने वाले बिना ब्रांड वाले उत्पादों पर जीएसटी छूट जारी रहेगी. ‘प्रिंटिंग/ड्राइंग इंक’, धारदार चाकू, कागज काटने वाला चाकू और ‘पेंसिल शार्पनर’, एलईडी लैंप, ड्राइंग और मार्किंग करने वाले उत्पादों पर कर की दरें बढ़ाकर 18 प्रतिशत कर दी गयी हैं. सौर वॉटर हीटर पर अब 12 प्रतिशत जीएसटी लगेगा जबकि पहले पांच प्रतिशत कर लगता था. सड़क, पुल, रेलवे, मेट्रो, अपशिष्ट शोधन संयंत्र और शवदाहगृह के लिये जारी होने वाले कार्य अनुबंधों पर अब 18 प्रतिशत जीएसटी लगेगा, जो अबतक 12 प्रतिशत था.
रोपवे के जरिये वस्तुओं और यात्रियों के परिवहन तथा कुछ सर्जरी से जुड़े उपकरणों पर कर की दर घटाकर पांच प्रतिशत की गई है. पहले यह 12 प्रतिशत थी. ट्रक, वस्तुओं की ढुलाई में इस्तेमाल होने वाले वाहनों जिसमें ईंधन की लागत शामिल है, पर अब 12 प्रतिशत जीएसटी लगेगा जो अभी 18 प्रतिशत है. बागडोगरा से पूर्वोत्तर राज्यों तक की हवाई यात्रा पर जीएसटी छूट अब इकनॉमी श्रेणी तक सीमित होगी.आरबीआई (भारतीय रिजर्व बैंक), बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण, भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड जैसे नियामकों की सेवाओं के साथ रिहायशी मकान कारोबारी इकाइयों को किराये पर देने पर कर लगेगा. बैटरी या उसके बिना इलेक्ट्रिक वाहनों पर रियायती पांच प्रतिशत जीएसटी बना रहेगा. एएमआरजी एंड एसोसिएट्स के वरिष्ठ भागीदार रजत मोहन ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं को दशकों से कर कानूनों के तहत कर-निरपेक्ष दर्जा प्राप्त है.