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भारत और US के बीच 2+2 मंत्रिस्तरीय वार्ता से रक्षा क्षेत्र में साझेदारी होगी मजबूत : त्रिगुणायत

भारत और अमेरिका के बीच 10 नवंबर को होने वाली 2+2 मंत्रिस्तरीय वार्ता होगी. इस दौरान दोनों देशों के मंत्री विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श करेंगे. हालांकि बातचीत में रक्षा क्षेत्र में साझेदारी को मजबूत करने पर जोर रहेगा. इस संबंध में पूर्व राजदूत अनिल त्रिगुणायत ने ईटीवी भारत से बातचीत की. पढ़िए ईटीवी भारत की वरिष्ठ संवाददाता चंद्रकला चौधरी की रिपोर्ट...2 plus 2 Ministerial Dialogue, Indo Pacific, S Jaishankar, Rajnath Singh

Former Ambassador Anil Trigunayat
पूर्व राजदूत अनिल त्रिगुणायत

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 8, 2023, 5:15 PM IST

नई दिल्ली: जटिल और लगातार विकसित हो रहे वैश्विक परिदृश्य के बीच नई दिल्ली 10 नवंबर को भारत और अमेरिका के बीच 2+2 मंत्रिस्तरीय वार्ता की मेजबानी करने के लिए पूरी तरह तैयार है. बैठक से पहले एक विशेषज्ञ ने ईटीवी भारत को बताया कि 2+2 संवाद वैश्विक चुनौतियों और एक शीर्ष तंत्र पर चर्चा करने का एक अवसर है. इसमें जहां द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा की जाती है और समस्याओं को दूर किया जाता है.

विदेश मंत्रालय के मुताबिक, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर इसमें भाग लेने वाले अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी जे. ब्लिंकन और सेक्रेटरी ऑफ डिफेंस लॉयड जे. ऑस्टिन का स्वागत करेंगे. इस दौरान दोनों देशों के बीच वार्ता होगी. 2+2 मंत्रिस्तरीय वार्ता रक्षा और सुरक्षा सहयोग के अलावा प्रौद्योगिकी मूल्य श्रृंखला सहयोग और लोगों से लोगों के संबंधों के क्रॉस-कटिंग पहलुओं में हो रही प्रगति की समीक्षा करेगा.

इस संबंध में ईटीवी भारत से बात करते हुए भारत के पूर्व राजदूत अनिल त्रिगुणायत ने कहा कि दोनों देशों के विदेश और रक्षा मंत्रियों के बीच 2+2 संवाद एक शीर्ष तंत्र है जहां प्रमुख वैश्विक चुनौतियों और द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा की जाती है और समस्याओं को दूर किया जाता है. उन्होंने कहा कि दोनों देश विभिन्न द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मुद्दों के अलावा इजरायल-हमास युद्ध के अलावा अन्य पहलों के भविष्य के साथ इंडो-पैसिफिक और रूस-यूक्रेन युद्ध पर भी चर्चा करेंगे.

हालांकि, 2+2 मंत्रिस्तरीय संवाद भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच विशेष रूप से रक्षा क्षेत्र में मजबूत साझेदारी को गहरा और मजबूत करने का मार्ग प्रशस्त करता है. ऐसे महत्वपूर्ण मोड़ पर जब दुनिया विशेष रूप से यूक्रेन-रूस संघर्ष और इजरायल-हमास संघर्ष के संदर्भ में वैश्विक अनिश्चितताओं का सामना कर रही है. 2+2 अमेरिका और भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि के लिए एक मंच के रूप में कार्य करेगा. वहीं वैश्विक संघर्षों को हल करने के लिए उनकी साझेदारी और साझा लक्ष्य और एक स्वतंत्र और खुले इंडो-पैसिफिक के लिए दृष्टिकोण प्रदान करेगा.

विदेश मंत्रालय ने कहा कि मंत्री इस साल जून और सितंबर में अपनी चर्चाओं में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति जो बाइडेन द्वारा परिकल्पित भारत-अमेरिका साझेदारी के भविष्य के रोडमैप को आगे बढ़ाने का अवसर लेंगे. दोनों पक्ष समसामयिक क्षेत्रीय मुद्दों का भी जायजा लेंगे और बहुपक्षीय प्लेटफार्मों और क्वाड जैसे ढांचे के माध्यम से सहयोग बढ़ाने के लिए साझा प्राथमिकताओं के बारे में विचारों का आदान-प्रदान करेंगे.

दोनों पक्ष समसामयिक क्षेत्रीय मुद्दों का भी जायजा लेंगे और बहुपक्षीय प्लेटफार्मों और क्वाड जैसे ढांचे के माध्यम से सहयोग बढ़ाने के लिए साझा प्राथमिकताओं के बारे में विचारों का आदान-प्रदान करेंगे. इसी क्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री का अमेरिका के साथ अपने समकक्ष के साथ द्विपक्षीय बैठकें करने का भी कार्यक्रम है. जो मंत्रिस्तरीय वार्ता की निरंतरता को चिह्नित करने के साथ ही भारत-अमेरिका व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी की पुष्टि करेंगे.

ये भी पढ़ें - भारत-अमेरिका साझेदारी को मजबूत और गहरा करना ही 2+2 बैठक का उद्देश्य

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