नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने NEET PG काउंसलिंग (neet pg counselling supreme court order) पर कहा है कि सत्र 2021-22 में 27 फीसदी OBC आरक्षण बरकरार रहेगा. SC ने कहा कि काउंसलिंग तुरंत शुरू करने जरूरत है. हम OBC आरक्षण को मंजूरी दे रहे हैं. साथ ही आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) को 10 फीसदी आरक्षण का लाभ मिलेगा. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर डॉक्टरों ने खुशी जताई है. एक अनुमान के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद देशभर के अस्पतालों में लगभग 45 हजार डॉक्टर जूनियर रेजिडेंट के तौर पर काम करने लगेंगे. कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला सराहनीय माना जा रहा है.
नीट पीजी काउंसलिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले डॉक्टरों में खुशी नीट पीजी काउंसलिंग पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर FORDA के प्रेसिडेंट डॉक्टर मनीष कुमार ने कहा, आज के फैसले से रेजिडेंट डॉक्टर्स के बीच खुशी का माहौल है. उन्होंने कहा डॉक्टरों ने सड़क पर उतर कर संघर्ष किया इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने हमारे पक्ष में फैसला सुनाया. फैसले के बाद जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर भी ड्यूटी पर आ सकेंगे, जिससे अस्पतालों में डॉक्टरों की संख्या बढ़ेगी.
नीट पीजी मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला, डॉक्टरों ने जताई खुशी सफदरजंग अस्पताल के डॉक्टरों ने भी काउंसलिंग कराए जाने के सुप्रीम कोर्ट फैसले पर खुशी जताई. उन्होंने कहा, हम सुप्रीम कोर्ट का धन्यवाद करते हैं. साथ ही मीडिया का भी धन्यवाद करते हैं. मीडिया की रिपोर्टिंग से हमारी आवाज बुलंद हुई.
दिल्ली लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण को लेकर डॉक्टरों ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान सुप्रीम कोर्ट का फैसला काउंसलिंग के पक्ष में आया है. इससे जूनियर डॉक्टरों के बीच भी काफी खुशी है. अब वह जल्दी काम पर लौट आएंगे.
बता दें कि नीट पीजी काउंसलिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि NEET PG 2021 के लिए विस्तृत EWS मानदंड पर एक विस्तृत अंतरिम आदेश की आवश्यकता है. जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि अंतरिम आदेश प्रस्तुत करने और आदेश को तैयार करने में कुछ समय लगेगा. तब तक NEET PG EWS और OBC कोटा के लिए वर्तमान मानदंड वैध माने जाएंगे.
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद जिन डॉक्टरों के ऊपर काफी वर्क लोड था और कम मैन पावर कम होने की वजह से मरीजों की अच्छी देखभाल नहीं हो पा रही थी, उन्हें राहत मिली है. फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष रोहन कृष्ण ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि विगत एक महीने से नीट पीजी एडमिशन को लेकर सुप्रीम कोर्ट, सरकार और डॉक्टर्स के बीच चल रही रस्साकशी खत्म हो गई है. अब 45000 डॉक्टर का एक नया बैच जल्दी ही अस्पतालों में काम करने लगेगा, जिससे ना सिर्फ वर्क लोड से परेशान रेजिडेंट डॉक्टर को राहत मिलेगी, बल्कि मरीजों की भी अच्छी देखभाल हो सकेगी. उन्होंने कहा कि सरकार को जल्द से जल्द काउंसलिंग की तारीख और पूरा शेड्यूल जारी करना चाहिए.
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) जूनियर विंग के राष्ट्रीय जॉइंट जनरल सेक्रेटरी डॉक्टर शंकुल द्विवेदी ने कहा कि NEET PG Counselling की प्रक्रिया पिछले कई माह से रुकी पड़ी हुई थी और इसको लेकर डॉक्टर सड़कों पर धरना प्रदर्शन करने को मजबूर हुए थे. अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद काउंसलिंग कुछ ही दिनों में शुरू हो जाएगी.
आरक्षण के दूरगामी परिणाम !
डॉक्टर शंकुल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले का एक दूसरा पहलू भी है. उन्होंने कहा, इस फैसले का दूरगामी परिणाम चिंतित करने वाले हैं, क्योंकि अब आरक्षण लगभग 65 फ़ीसदी हो गया है. ऐसे में मेरिट में आने वाले छात्रों के साथ अन्याय होगा. ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि अब सामान्य वर्ग के असामान्य छात्रों के लिये भी पीजी में दाखिला लेना आसान नहीं होगा.
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फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ अमित यादव ने भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर खुशी जाहिर की. उन्होंने कहा, कोरोना की तीसरी लहर और लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने जो संवेदनशीलता दिखाई है, वह काबिले तारीफ है. उन्होंने कहा कि जल्द ही काउंसलिंग की प्रक्रिया शुरू होगी और देशभर के अस्पतालों में रेजिडेंट डॉक्टर्स का एक पूरा बैच आएगा, जिससे कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज में आसानी होगी.