नई दिल्ली : उत्तराखंड टनल हादसे में फंसे हुए मजदूरों को निकालने में थोड़ा विलंब हो सकता है. नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट ऑथरिटी के सदस्य सैयद अता हसनैन ने कहा कि सबसे अंतिम पाइप को टनल में पुश किया जा रहा है. उन्होंने कहा इस पाइप को पुश करने में जितना समय लगेगा, उतनी ही देरी मजदूरों को निकालने में लगेगा.
नई दिल्ली में मीडिया से बात करते हुए हसनैन ने कहा कि मजदूरों के फंसने को लेकर 12 नवंबर को सबसे पहली खबर आई थी. इसके बाद हमने सबसे पहले रेलवे से संपर्क किया था. हसनैन ने कहा कि क्योंकि रेलवे को इसका तजुर्बा है, वो सुरंगों को खोदते रहते हैं, इसलिए उनसे संपर्क किया गया था. हालांकि, इसके बाद अलग-अलग एजेंसियों की मदद ली गई.
उन्होंने कहा कि इस ऑपरेशन में एयरफोर्स और बीआरओ ने भी अपना योगदान किया. हसनैन ने कहा कि बीआरओ ने वहां पर सड़कों को चौड़ा करने में मदद की, ताकि बड़ी-बड़ी मशीनों को लाया जा सके. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार और वहां की डिजास्टर मैनेजमेंट ने बेहतरीन योगदान किया.
एनडीएमए ने कहा कि प्रधानमंत्री से लेकर उनके प्रधान सचिव और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने स्पष्ट दिशा-निर्देश दे रखा था, कि किसी प्रकार की कोई दिक्कत हो, आप तुरंत संपर्क कीजिए. हसनैन ने कहा कि जितनी भी एजेंसियां इस ऑपरेशन में शामिल हैं, सभी एजेंसियों के बीच बेहतरीन समन्वय रहा. उन्होंने कहा कि केंद्र की ओर से मंत्री जन. वीके सिंह खुद वहां पर मौजूद थे.
इस ऑपरेशन के बारे में जानकारी देते हुए हसनैन ने कहा कि भारत में जहां कहीं भी इससे संबंधित किसी के पास भी कोई विशेषज्ञता उपलब्ध थी, तो उनकी मदद ली गई और उनकी राय ली गई, बल्कि उन्हें घटनास्थल पर बुलाया भी गया.