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एनडीएमए ने कहा, 'मजदूरों को निकालने में थोड़ा और वक्त लगेगा, एक बार में एक ही मजदूर निकल पाएंगे'

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 28, 2023, 4:46 PM IST

Updated : Nov 28, 2023, 7:01 PM IST

NDMA on Uttarkashi tunnel operation : नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट ऑथरिटी के सदस्य (रि.) ले. जन. सैयद अता हसनैन ने कहा कि इस ऑपरेशन को पूरा होने में थोड़ा और वक्त लगेगा. उन्होंने कहा कि सबसे अंतिम पाइप को पुश किया जा रहा है. हसनैन ने कहा कि एक बार जब इस पाइप को पुश कर लिया जाएगा, तो एक मजदूर को निकालने में अधिकतम पांच मिनट का समय लगेगा, यानी सभी मजदूरों को निकालने में पांच घंटे या उससे थोड़ा अधिक का वक्त लग सकता है. अधिकारी ने कहा कि जहां भी टनल पर काम चल रहे हैं, उसकी ऑडिटिंग शुरू हो चुकी है.

sayed Ata Hasnain
सैयद अता हसनैन

नई दिल्ली : उत्तराखंड टनल हादसे में फंसे हुए मजदूरों को निकालने में थोड़ा विलंब हो सकता है. नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट ऑथरिटी के सदस्य सैयद अता हसनैन ने कहा कि सबसे अंतिम पाइप को टनल में पुश किया जा रहा है. उन्होंने कहा इस पाइप को पुश करने में जितना समय लगेगा, उतनी ही देरी मजदूरों को निकालने में लगेगा.

नई दिल्ली में मीडिया से बात करते हुए हसनैन ने कहा कि मजदूरों के फंसने को लेकर 12 नवंबर को सबसे पहली खबर आई थी. इसके बाद हमने सबसे पहले रेलवे से संपर्क किया था. हसनैन ने कहा कि क्योंकि रेलवे को इसका तजुर्बा है, वो सुरंगों को खोदते रहते हैं, इसलिए उनसे संपर्क किया गया था. हालांकि, इसके बाद अलग-अलग एजेंसियों की मदद ली गई.

उन्होंने कहा कि इस ऑपरेशन में एयरफोर्स और बीआरओ ने भी अपना योगदान किया. हसनैन ने कहा कि बीआरओ ने वहां पर सड़कों को चौड़ा करने में मदद की, ताकि बड़ी-बड़ी मशीनों को लाया जा सके. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार और वहां की डिजास्टर मैनेजमेंट ने बेहतरीन योगदान किया.

एनडीएमए ने कहा कि प्रधानमंत्री से लेकर उनके प्रधान सचिव और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने स्पष्ट दिशा-निर्देश दे रखा था, कि किसी प्रकार की कोई दिक्कत हो, आप तुरंत संपर्क कीजिए. हसनैन ने कहा कि जितनी भी एजेंसियां इस ऑपरेशन में शामिल हैं, सभी एजेंसियों के बीच बेहतरीन समन्वय रहा. उन्होंने कहा कि केंद्र की ओर से मंत्री जन. वीके सिंह खुद वहां पर मौजूद थे.

इस ऑपरेशन के बारे में जानकारी देते हुए हसनैन ने कहा कि भारत में जहां कहीं भी इससे संबंधित किसी के पास भी कोई विशेषज्ञता उपलब्ध थी, तो उनकी मदद ली गई और उनकी राय ली गई, बल्कि उन्हें घटनास्थल पर बुलाया भी गया.

एनडीएमए ने कहा कि यह अपने आप ही बहुत बड़ा ऑपरेशन था, इसके पहले ऐसा ऑपरेशन नहीं हुआ था. वर्टिकल खुदाई अभी भी जारी है. हसनैन ने कहा कि कुछ अन्य मशीनें भी बैकअप में रखी हुई हैं, अगर कुछ भी अनहोनी हुई, तो हमारे पास बैकअप तैयार है.

उन्होंने कहा कि एनडीएमए की टीम पूरी तरह से तैयार है, मेडिकल टीम तैयार है, मजदूरों को निकालने के दौरान अगर स्ट्रेचर फंस गया, तो उसे कैसे निकालेंगे, इसकी भी प्लानिंग तैयार है.

हसनैन ने कहा कि आमतौर पर एक मजदूर को निकालने में अधिकतम पांच मि. का समय लग सकता है, इस तरह से कुल पांच घंटे या उससे अधिक का समय लगने की उम्मीद है. हसनैन के अनुसार स्थानीय स्तर पर अस्पताल में 30 बेड तैयार हैं. 10 अतिरिक्त बेड साइड में तैयार रखे गए हैं. ऋषिकेश एम्स को भी अलर्ट किया गया है. सभी मजदूरों की तीन दिनों तक मॉनिटरिंग की जाएगी.

एक अन्य अधिकारी ने कहा कि इस ऑपरेशन के दौरान गृह मंत्रालय का बेहतरीन योगदान रहा, किसी भी जिले के डीएम या एसपी से बात करने की जरूरत महसूस हुई, तो यह काम बहुत जल्द हो गया ताकि किसी भी प्रक्रिया में देरी न हो.

--- सभी टनल की होगी ऑडिटिंग ---

एनएचएआई के सदस्य विशाल चौहान ने कहा कि जितने भी टनल के काम चल रहे हैं, सभी की ऑडिटिंग शुरू हो चुकी है. उन्होंने कहा कि इसके लिए हम दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन और एक अन्य एजेंसी की मदद ले रहे हैं.

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Last Updated : Nov 28, 2023, 7:01 PM IST

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