नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने शुक्रवार को एनसीसी कैडेटों के लिए वर्दी भत्ते की घोषणा की जो सीधे उनके बैंक खातों में जाएगा और इसके लिए जीरो बैलेंस खाते खोले जाएंगे. इस पहल के तहत, भारतीय स्टेट बैंक एसबीआई की 'पहली उड़ान' योजना के तहत डेबिट कार्ड, चेक बुक और पासबुक सुविधा के साथ सभी एनसीसी कैडेटों के जीरो बैलेंस खाते खोलेगा.
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, इस पहल से हर साल करीब 5 लाख कैडेट्स को फायदा होगा. इस नई शुरुआत के लिए एनसीसी और एसबीआई ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए.
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि यह खाता प्रशिक्षण पूरा होने या 18 वर्ष की आयु प्राप्त करने, जो भी बाद में हो, तक चालू रहेगा. यह न केवल कैडेटों को राष्ट्रीय बैंकिंग प्रणाली से परिचित कराएगा बल्कि उन्हें अपने खातों में धनराशि के डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्यम से अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए एक तैयार मंच भी उपलब्ध कराएगा.
सरकार की डीबीटी पहल के तहत, रक्षा मंत्रालय ने यूनिफॉर्म वितरण प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी और निर्बाध बनाने के लिए इसमें सुधार किया है, जिससे एनसीसी कैडेटों के बैंक खातों में वर्दी भत्ते का प्रत्यक्ष बैंक हस्तांतरण किया जाना सक्षम हो गया है. यह विद्यमान केंद्रीय खरीद और वितरण प्रक्रिया का स्थान लेगा. एनसीसी यूनिफॉर्म के प्रावधान के लिए वर्दी भत्ते को अब देश के दूरदराज के हिस्सों को कवर करने वाले कैडेटों के इन बैंक खातों में स्थानांतरित किया जाएगा.
इस अवसर पर रक्षा मंत्री ने एनआईसी और डीबीटी लागू करने के द्वारा एनसीसी के डिजिटलीकरण में उनके प्रयासों के लिए एनसीसी, बीआईएसएजी और एसबीआई के अधिकारियों की सराहना की. उन्होंने जोर देकर कहा कि ये कदम निश्चित रूप से देश भर में एनसीसी से संबंधित जानकारी तक तुरंत पहुंच प्रदान करेंगे और वर्तमान तथा भविष्य दोनों ही कैडेटों को लाभान्वित करेंगे.