रायपुर/हैदराबाद:भाजपा जिलाध्यक्ष सागर साहू के छोटे डोंगर स्थित घर में शुक्रवार रात करीब 4 से 5 नक्सली घुसे. सोफे पर बैठ टीवी देख रहे सागर साहू की नक्सलियों ने गोली मारकर हत्या कर दी. वारदात को अंजाम देने के बाद नक्सली जंगल में भाग गए. एक सप्ताह के भीतर नक्सलियों की ओर से यह हत्या की दूसरी घटना थी. आरोपियों को पकड़ने में जहां प्रशासन एड़ी चोटी का जोर लगाने का दावा कर रहा है, वहीं भाजपा की ओर से आरोपों की झड़ी लगा दी गई है. जानिए कब कब नक्सलियों ने इस तरह की घटना को अजाम देकर कानून व्यवस्था को चुनौती दी थी.
Naxalite Attack on Politicians: जानिए नक्सलियों ने छत्तीसगढ़ में कब कब राजनीतिक दल के नेताओं को बनाया निशाना
murder of bjp leader छत्तीसगढ़ के नारायणपुर में शुक्रवार रात नक्सलियों ने भाजपा जिलाध्यक्ष सागर साहू को छोटे डोंगर थाना क्षेत्र स्थित उनके घर में घुसकर गोली मार दी. हमले में सागर साहू की मौत हो गई. इसके 5 दिन पहले नक्सलियों ने बीजापुर में भी भाजपा नेता की हत्या की थी. एक के बाद एक हत्या पर जहां भारतीय जनता पार्टी ने सुरक्षा को लेकर सवाल उठाए हैं, वहीं नक्सली वारदात में शामिल आरोपियों को पकड़ना प्रशासन के लिए अभी भी चुनौती बनी है.
नीलकंठ ककेम: भाजपा नेता नीलकंठ ककेम बीते 5 फरवरी की रात एक रिश्तेदार की शादी में शामिल होने सपरिवार गए थे. वहां अचानक पहुंचे माओवादियों ने कुल्हाड़ी और चाकू से बीजेपी नेता पर हमला कर दिया. इस वारदात के बाद नक्सलियों ने पर्चा फेंककर इस हत्या की जिम्मेदारी ली है. काकेम 15 साल से अवापल्ली मंडल के बीजेपी के अध्यक्ष थे.
भीमा मंडावी,नंदकुमार पटेल औरदंतेवाड़ा से भाजपा विधायक भीमा मंडावी की लोकसभा चुनाव प्रचार से जिला मुख्यालय लौटने के दौरान 9 अप्रैल 2019 को हत्या हुई थी. श्यामगिरी गांव के पास आईईडी (इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) लगाकर नक्सलियों ने उनके काफिले को विस्फोट में उड़ा दिया था. हमले में विधायक भीमा मंडावी, उनके ड्राइवर, सुरक्षा गार्ड सहित कुल चार लोगों की मौत हुई थी.
महेंद्र कर्मा, नंदकुमार पटेल और विद्या चरण शुक्ल:छत्तीसगढ़ कांग्रेस नेता महेंद्र कर्मा 2004 से 2008 तक छत्तीसगढ़ विधानसभा में विपक्ष के नेता थे. 2005 में उन्होंने छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ सलवा जुडूम आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. 25 मई 2013 को सुकमा में कांग्रेस की ओर से आयोजित एक रैली से लौटते समय नक्सली ने उन पर हमला कर दिया. इसमें उनके साथ कांग्रेस के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार पटेल सहित 27 लोगों की जान चली गई थी. विद्या चरण शुक्ल के साथ 31 अन्य लोग जख्मी हो गए थे. बाल में इलाज के दौरान गंभीर रूप से घायल विद्या चरण का भी निधन हो गया. 27 मई को नक्सलियों ने एक बयान जारी कर हमले की जिम्मेदारी लेने हुए कहा था कि "सलवा जुडूम और अर्धसैनिक बालों को तैनात किए जाने के विरोध में उन्होंने इस घटना को अंजाम दिया है."