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JK ... गुपकार गठबंधन में फूट, नेशनल कॉन्फ्रेंस सभी 90 सीटों पर लड़ेगी चुनाव

नेशनल कॉन्फ्रेंस की प्रांतीय समिति की बैठक में पार्टी के सदस्यों ने सर्वसम्मति से संकल्प लिया है कि पार्टी को सभी 90 सीटों पर तैयारी कर चुनाव लड़ना चाहिए. हालांकि, पूर्व में नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने गुपकार गठबंधन के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की बात कही थी. national conference hints to exit from pagd.

Farooq Abdullah Gupkar Alliance
फारूक अब्दुल्ला गुपकार गठबंधन

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Published : Aug 24, 2022, 7:47 PM IST

Updated : Aug 24, 2022, 10:20 PM IST

श्रीनगर: जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव (jammu kashmir assembly election) की घोषणा से पहले ही पीपुल्स अलायंस फॉर गुपकार डिक्लेरेशन (PAGD) में फूट पड़ती दिख रही है. गुपकार गठबंधन के प्रमुख घटक नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) ने पीएजीडी से बाहर (national conference hints to exit from pagd) होने के संकेत दिए हैं. बता दें, पीएजीडी का गठन अनुच्छेद 370 की बहाली के उद्देश्य किया गया था. लेकिन ऐसा लग रहा है कि नेशनल कॉन्फ्रेंस 'एकला चलो' की राह पर चल पड़ी है.

नेशनल कॉन्फ्रेंस की बैठक में शामिल हुए उमर अब्दुल्ला

दरअसल, जम्मू कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस की प्रांतीय समिति की बुधवार को बैठक हुई जिसमें कश्मीर घाटी के सभी वरिष्ठ नेता शामिल हुए. समिति के सदस्यों ने सर्वसम्मति से संकल्प लिया है कि पार्टी को सभी 90 सीटों पर तैयारी कर चुनाव लड़ना चाहिए. एनसी ने एक बयान में कहा कि बैठक में उपस्थित नेताओं ने जेकेएनसी को टारगेट करते हुए पीएजीडी के कुछ दलों द्वारा हाल के बयानों और भाषणों पर निराशा व्यक्त की. बयान में कहा गया है कि नेताओं ने महसूस किया कि यह गठबंधन की एकता में योगदान नहीं देता है. उन्होंने पीएजीडी में जेकेएनसी के साथ किए गए अनुचित व्यवहार की निंदा की. सदस्यों ने पीएजीडी घटकों से तत्काल सुधार की मांग की. पार्टी ने यह भी कहा कि वह उन सभी 90 नई सीटों पर विधानसभा चुनाव लड़ेगी, जो परिसीमन के बाद बनी थीं.

पीडीपी की प्रतिक्रिया

पीडीपी ने कहा- गठबंधन पर नहीं पड़ेगा असर
नेशनल कॉन्फ्रेंस के सभी सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा पर PAGD गठबंधन में शामिल पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) का कहना है कि अगर गुपकार गठबंधन के सहयोगी अलग-अलग चुनाव लड़ते हैं, तो इससे गठबंधन पर कोई असर नहीं पड़ेगा. पीडीपी प्रवक्ता सैयद सोहैल बुखारी ने ट्वीट किया कि पीएजीडी का गठन एक बड़े उद्देश्य के लिए किया गया था, जो एकसाथ चुनाव नहीं लड़ना था. उनका कहना है कि अगर किसी भी प्रतिभागी दल को चुनावी गठबंधन को लेकर ऐतराज है तो इससे पीएजीडी पर कोई असर नहीं पड़ेगा. वहीं, कुछ राजनीतिक हलकों का कहना है कि नेशनल कॉन्फ्रेंस ने पीएजीडी को अलविदा कहने का फैसला कर लिया है.

यह भी पढ़ें- पीएजीडी मिलकर लड़ेगा जम्मू-कश्मीर का चुनाव: फारूक अब्दुल्ला

इस साल की शुरुआत में, नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा था कि पीएजीडी को एक साथ चुनाव लड़ना चाहिए, जिसका पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने स्वागत किया था. बता दें, पीएजीडी जम्मू कश्मीर में मुख्यधारा के राजनीतिक दलों का एक गठबंधन है, जिसमें एनसी, पीडीपी, अवामी नेशनल कॉन्फ्रेंस और सीपीआईएम शामिल हैं. इसका गठन 13 अगस्त 2021 को जम्मू और कश्मीर की 5 अगस्त, 2019 के पहले स्थिति की बहाली के उद्देश्य से किया गया था. इसके गठन के बाद, सभी पार्टियां एक साथ दर्जनों बैठकें कीं और जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे की बहाली के लिए लोकतांत्रिक और शांतिपूर्वक लड़ने की प्रतिबद्धता जताई थी.

Last Updated : Aug 24, 2022, 10:20 PM IST

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