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एमपी का एक ऐसा मतदान केंद्र जहां नहीं सड़क, सतपुड़ा के जंगलों के बीच बसे 6 गांव बरसात में हो जाते हैं कैद, देखें ETV Bharat की खास रिपोर्ट

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 15, 2023, 5:20 PM IST

Updated : Oct 15, 2023, 10:51 PM IST

No Road in Narmadapuram Village: मध्य प्रदेश चुनाव के चलते ईटीवी भारत आपको उन हकीकतों से रुबरु कर रहा है. जहां की खबरें आसानी से लोगों तक नहीं पहुंच पाती है. इसी के चलते ईटीवी की भारत की टीम एक ऐसे मतदान केंद्र पर पहुंची, जिसका जिक्र भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त में भी किया.

Madhya Pradesh Election 2023
इंदौर के नर्मदापुरम पोलिंग बूथ से रिपोर्ट

इंदौर के नर्मदापुरम पोलिंग बूथ से रिपोर्ट

नर्मदापुरम। यह पोलिंग बूथ नर्मदापुरम जिले के पिपरिया तहसील में है, लेकिन यहां तक पहुंचने के लिए एकमात्र रास्ता छिंदवाड़ा की सीमा से होकर गुजरता है. उसमें भी लोगों को करीब 5 किलोमीटर पैदल सफर करना होता है. आजादी के बाद से इस गांव में अबतक पक्की सड़क नहीं बनी है. ईटीवी भारत की टीम भी इस गांव के विकास और हकीकत को देखने के लिए करीब 5 किलोमीटर का पैदल सफर कर पहुंची और लोगों से चर्चा की.

(नर्मदापुरम जिले के इस गांव में नहीं है सड़क, छिन्दवाड़ा जिला ही आवागमन का एकमात्र जरिया।)
नर्मदापुरम जिला के पिपरिया विधानसभा क्षेत्र के नांदिया ग्राम पंचायत में विकास का अंदाजा, इसी बात से लगाया जा सकता है कि आजादी के बाद से अबतक यहां पर पक्की सड़क नहीं बन पाई है. आलम यह है कि यहां के ग्रामीणों को अगर किसी सरकारी काम से तहसील मुख्यालय जाना हो, तो वे छिंदवाड़ा जिले के कुआंबादला से देलाखारी होते हुए करीब 90 किलोमीटर का सफर तय करते हैं. ग्रामीणों ने बताया है कि जिला मुख्यालय या तहसील में पहुंचने के लिए सिर्फ एक ही रास्ता है. दूसरी तरफ जंगलों से घिरा हुआ इलाका है. पहाड़ियों के बीच से जाना मुश्किल होता है.

सतपुड़ा के घने जंगलों के बीच में बसा नादिया ग्राम पंचायत में 6 गांव शामिल है. सभी गांव को मिलाकर करीब 2200 से 2500 की जनसंख्या निवास करती है. इस ग्राम पंचायत में नांदिया गुडखेड़ा सुख डोंगर डिग्री सकरी और चूरनी गांव शामिल है. ग्राम पंचायत में दो मतदान केंद्र बनाए गए हैं, जिसमें सिर्फ मतदान केंद्र क्रमांक 150 में 671 मतदाता तो वही मतदान केंद्र 151 में 270 मतदाता है.

छिंदवाड़ा जिले की सीमा देनवा नदी में समाप्त होती है, देनवा नदी में पुल नहीं होने के कारण सभी 6 गांव के लोग बारिश में कैद होकर रह जाते हैं. करीब 3 महीने तो गांव से कोई बाहर भी नहीं निकल पाता ग्रामीणों ने बताया कि अगर कोई बीमार हो जाए या फिर किसी प्रसूता की डिलीवरी कराना हो तो मुश्किल से डोली के सहारे ले जाया जाता है, फिर गांव के सारे लोग एक साथ मिलकर दो पहिया वाहन लकड़ी के सहारे पर करते हैं.

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ग्रामीणों ने किया मतदान का बहिष्कार प्रशासन को सौंपा है पत्र:ग्रामीणों ने बताया कि आजादी के बाद से उनके गांव की इस नदी में पुल नहीं बना है और ना ही पक्की सड़क बनाई गई है. उन्होंने कई बार इस मामले की शिकायत जनप्रतिनिधियों से लेकर प्रशासनिक अधिकारियों से की लेकिन किसी ने उनकी सुध नहीं ली. इस बार सारे ग्रामीणों ने तय किया ही की वे मतदान का बहिष्कार करेंगे और उसके लिए उन्होंने अधिकारियों को बाकायदा सूचना पत्र भी दिया है.

मेले में पहुंचते हैं लाखों श्रद्धालु फिर भी नहीं हुआ सुधार:पचमढ़ी के चौरागढ़ की पहाड़ियों में शिवरात्रि के अलावा रक्षाबंधन संक्रांति में मेला लगता है. शिवरात्रि के मौके पर चौरागढ़ में भगवान शिव के दर्शन करने के लिए देशभर से लाखों श्रद्धालु आते हैं और छिंदवाड़ा जिले सहित नर्मदा पुरम जिले का प्रशासन की व्यवस्था करता है. इन परेशानियों के बाद भी आज तक किसी ने इन आदिवासियों की सुध नहीं ली.

लोगो ने कहा-अब विकास की उम्मीद:ईटीवी भारत की टीम इन गांव में विकास की हकीकत जानने के लिए पहुंचा. करीब 5 किलोमीटर का पैदल सफर करने के दौरान स्थानीय लोग गांव के शिक्षक सरपंचों से चर्चा के दौरान पता लगा कि गांव में अब तक कोई भी मीडिया संस्थान उनकी आवाज उठाने नहीं पहुंचा था. लेकिन ईटीवी भारत के पहुंचने के बाद अब उन्हें उम्मीद है कि उनकी आवाज जनप्रतिनिधियों से लेकर प्रशासन के कानों तक पहुंचेगी तो शायद अब उनके गांव में भी विकास हो सकेगा.

Last Updated : Oct 15, 2023, 10:51 PM IST

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