हैदराबाद : चक्रवाती तूफान यास बंगाल में तबाही मचाकर जा चुका है, लेकिन उसके बाद आया सियासी तूफान बंगाल से लेकर दिल्ली तक के सियासी गलियारों में जस का तस बना हुआ है. दरअसल, शुक्रवार को पीएम मोदी ने बंगाल और ओडिशा के यास प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया. जिसके बाद चक्रवात से हुई तबाही की समीक्षा बैठक होनी थी, लेकिन कोलकाता में हुई बैठक से पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नदारद रहीं. जिसके बाद कोलकाता से दिल्ली तक सियासी वार-पलटवार का सिलसिला जारी हो गया. सोशल मीडिया पर भी इस बात की खूब चर्चा हो रही है. वहीं सोशल मीडिया पर वो बैठक भी याद दिलाई जा रही है जब मुख्यमंत्री रहते हुए नरेंद्र मोदी इस बैठक में शामिल नहीं हुए थे.
ये उन दिनों की बात है...
जब देश के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह हुआ करते थे और नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे. वाक्या 23 सितंबर, 2013 का है जब राष्ट्रीय एकीकरण परिषद (NIC) यानी नेशनल इंटीग्रेशन काउंसिल की दिल्ली में होने वाली बैठक का नरेंद्र मोदी ने बॉयकॉट किया था. इस बैठक की अध्यक्षता तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने की थी. दरअसल, इस बैठक से पहले उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में सांप्रदायिक दंगा हुआ था. इस बैठक में सांप्रदायिक सद्भाव को बढ़ाने और नफरत फैलाने वाले अभियानों पर रोक लगाने के उपायों पर चर्चा की गई थी. गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा छत्तीसगढ़ के तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह ने भी इस बैठक में मौजूद नहीं थे.
सोशल मीडिया पर ममता बनर्जी के बैठक छोड़ने की चर्चा हो रही है तो कुछ लोग 23 सितंबर, 2013 की वो बैठक भी याद दिला रहे हैं. जिससे नरेंद्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए दूरी बनाई थी.