दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

जासूसी के आरोप में पकड़े गए पाक नागरिक की सजा बरकरार, हिरासत में लेने के आदेश - पाकिस्तानी जासूस

हरिद्वार के गंगनहर से पाकिस्तानी नागरिक आबिद अली को जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. पूर्व में मामले में सुनवाई करते हुए नैनीताल हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था. आज मामले में फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने आबिद का जमानत बांड निरस्त कर हिरासत में लेने के आदेश दिए हैं.

nainital
nainital

By

Published : Sep 22, 2021, 4:36 PM IST

नैनीताल :हाईकोर्ट में जासूसी के आरोप में पकड़े गए पाकिस्तानी नागरिक आबिद अली उर्फ अजीत सिंह की रिहाई के मामले में सुनवाई हुई. कोर्ट ने आबिद अली की सजा को बरकरार रखने का निर्णय सुनाया है. साथ ही सरकार को आबिद के जमानत बांड को निरस्त कर उसे हिरासत में लेने को कहा है. कोर्ट ने अपने निर्णय में कहा है कि उसके खिलाफ पर्याप्त सबूत पाए गए हैं, उसने पासपोर्ट एक्ट का दुरुपयोग किया है.

बता दें कि मामला 25 जनवरी 2010 का है. हरिद्वार की गंगनहर कोतवाली पुलिस ने आबिद अली उर्फ असद अली उर्फ अजीत सिंह निवासी लाहौर (पाकिस्तान) को ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट, विदेश एक्ट और पासपोर्ट एक्ट में गिरफ्तार किया था. उसके पास से मेरठ, देहरादून, रुड़की और अन्य सैन्य ठिकानों के नक्शे मिले थे. इसके अलावा एक पेन ड्राइव और कई गोपनीय जानकारी से जुड़े दस्तावेज भी बरामद हुए थे.

जिसके बाद पुलिस ने रुड़की के मच्छी मोहल्ला स्थित उसके ठिकाने पर छापा मारा था. वहां बिजली फिटिंग के बोर्ड और सीलिंग फैन में छिपाकर रखे गए करीब एक दर्जन सिमकार्ड भी बरामद किए थे. जिस पर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर रोशनाबाद जेल भेज दिया था. वहीं, निचली अदालत ने 19 दिसंबर 2012 को उसे दोषी पाते हुए सजा सुनाई थी.

अभियुक्त के अधिवक्ता ने एक अपील भी दायर की, लेकिन वकील की ओर से उसके पते इत्यादि के बारे में सही तथ्य नहीं लिखा गया. लेकिन अपर जिला जज (द्वितीय) हरिद्वार ने अभियुक्त को बरी करने के आदेश पारित किया था. इसके बाद जेल अधीक्षक के स्तर से कोर्ट और एसएसपी को प्रार्थना पत्र देकर बताया गया कि अभियुक्त विदेशी नागरिक है. उसे रिहा करने से पहले उसका व्यक्तिगत बंधपत्र और अन्य औपचारिकताएं पूरी करनी आवश्यक है.

अभियोजन पक्ष के मुताबिक, अपर जिला जज ने जेल अधीक्षक के पत्र के संदर्भ में स्पष्ट किया कि इसके लिए अलग से आदेश पारित करने की आवश्यकता नहीं है. अभियोजन की मानें तो एसएसपी की ओर से उक्त मामले में गंभीरता नहीं दिखाई गई और उसे रिहा कर दिया. निचली अदालत के आदेश को सरकार ने हाईकोर्ट में विशेष अपील दायर कर चुनौती दी.

ये भी पढ़ेंःHC ने केंद्र से असंवैधानिक प्रावधानों को हटाने पर विचार करने को कहा

सरकार की ओर से कहा गया कि निचली अदालत ने बिना ठोस सबूत पाते हुए पाकिस्तानी नागरिक को रिहा करने के आदेश दिए हैं. जिसे निरस्त किया जाए. उसके खिलाफ जासूसी करने के कई सबूत हैं. जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था. आज मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी की एकलपीठ में हुई. कोर्ट ने सजा बरकरार रखने के आदेश दिए हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details