दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

नगालैंड से AFSPA हटाने की संभावना पर गौर करने के लिए समिति गठित

केंद्र सरकार ने नगालैंड से AFSPA को हटाने की संभावना पर गौर करने के लिए भारत के रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त विवेक जोशी के नेतृत्व में पांच सदस्यीय समिति का गठन किया है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा नगालैंड और असम के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक करने के तीन दिन बाद समिति का गठन किया गया है.

Centre forms panel to examine possibility of lifting AFSPA
नगालैंड AFSPA समिति गठित

By

Published : Dec 27, 2021, 2:34 AM IST

नई दिल्ली :नगालैंड के मोन जिले में हुई गोलीबारी (Nagaland firing) में 14 लोगों की मौत के बाद बढ़े तनाव को कम करने के मकसद से केंद्र सरकार ने दशकों से नगालैंड में लागू विवादास्पद सशस्त्र बल विशेष अधिकार कानून (AFSPA) को हटाने की संभावना पर गौर करने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति गठित की है. समिति 45 दिन में अपनी रिपोर्ट पेश करेगी.

अधिकारियों ने बताया कि भारत के रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त विवेक जोशी पांच सदस्यीय समिति का नेतृत्व करेंगे, जबकि केंद्रीय गृह मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव पीयूष गोयल समिति के सदस्य सचिव होंगे. एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि समिति के अन्य सदस्य नगालैंड के मुख्य सचिव और डीजीपी और असम राइफल्स के डीजीपी हैं.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा नगालैंड और असम के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक करने के तीन दिन बाद समिति का गठन किया गया है. नई दिल्ली में 23 दिसंबर को हुई बैठक में नगालैंड के उपमुख्यमंत्री वाई पैटन और नगालैंड के पूर्व मुख्यमंत्री टीआर जेलियांग भी शामिल थे.

समिति नगालैंड में अफस्पा को हटाने की संभावना पर गौर करेगी, जहां यह कानून दशकों से लागू है. समिति की सिफारिशों के आधार पर निर्णय लिया जाएगा. अधिकारियों ने बताया कि दिसंबर की शुरुआत में नगालैंड के मोन जिले में उग्रवाद विरोधी अभियान में सीधे तौर पर शामिल रहे सैन्यकर्मियों के खिलाफ भी निष्पक्ष जांच के बाद अनुशासनात्मक कार्रवाई किए जाने की संभावना है. जांच लंबित रहने तक सेना के जवानों को निलंबित किया जा सकता है.

सेना की एक टुकड़ी द्वारा मोन जिले में की गई गोलीबारी में 14 लोगों की मौत के बाद AFSPA को वापस लेने के लिए नगालैंड के कई जिलों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. एक अधिकारी ने बताया कि उच्च स्तरीय समिति के गठन का फैसला 23 दिसंबर को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया गया.

इससे पहले, नगालैंड के मुख्यमंत्री ने रविवार को ट्वीट किया, 'केंद्रीय गृह मंत्री की अध्यक्षता में 23 दिसंबर को नई दिल्ली में बैठक हुई. मामले को गंभीरता से लेने के लिए अमित शाह जी का आभारी हूं. राज्य सरकार सभी वर्गों से शांतिपूर्ण माहौल बनाए रखने की अपील करती है.'

यह भी पढ़ें- नगालैंड गोलीबारी: मारे गए लोगों के परिवारों ने की न्याय की मांग, मुआवजा ठुकराया

केंद्रीय गृह मंत्री ने नगालैंड में सुरक्षा बलों की गोलीबारी में 14 लोगों की मौत की घटना पर खेद प्रकट करते हुए छह दिसंबर को संसद को बताया था कि इसकी विस्तृत जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है जिसे एक महीने के अंदर जांच पूरी करने को कहा गया है.

शाह ने घटना का ब्योरा देते हुए कहा था कि चार दिसंबर को नगालैंड के मोन जिले में भारतीय सेना को उग्रवादियों की आवाजाही की सूचना मिली और उसके 21 पैरा कमांडो के दल ने इंतजार किया. उन्होंने कहा कि शाम को एक वाहन उस स्थान पर पहुंचा और सशस्त्र बलों ने उसे रुकने का संकेत दिया, लेकिन वह नहीं रुका और आगे निकलने लगा. शाह ने कहा कि इस वाहन में उग्रवादियों के होने के संदेह में इस पर गोलियां चलाई गईं. शाह ने कहा था कि बाद में इसे गलत पहचान का मामला पाया गया.

(एजेंसी इनपुट)

ABOUT THE AUTHOR

...view details