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निलंबन के बाद विपक्षी सांसदों ने दिया धरना, बोले- जो सदन में उपस्थित नहीं थे, उनका निलंबन कैसे हो गया ?

MPs suspended from the parliament : लोकसभा की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर लगातार दूसरे दिन भी संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित होती रही. विपक्षी सदस्यों ने इस विषय पर गृह मंत्री अमित शाह के बयान की मांग की. हंगामा इतना आधिक बढ़ गया कि प्रतिपक्ष के 15 सांसदों को निलंबित कर दिया गया. इनमें से 13 सांसद लोकसभा से हैं, जबकि एक सांसद राज्यसभा से हैं. निलंबित सांसदों ने विरोध में धरना दिया.

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By PTI

Published : Dec 14, 2023, 5:30 PM IST

Updated : Dec 14, 2023, 7:34 PM IST

नई दिल्ली : लोकसभा में विपक्षी सदस्यों ने संसद की सुरक्षा में चूक के मुद्दे पर सरकार से जवाब की मांग करते हुए गुरुवार को भारी हंगामा किया, जिसके कारण सदन की कार्यवाही दो बार के स्थगन के बाद शुक्रवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई. सदन में आसन की अवमानना और अनादर के लिए विपक्ष के 13 सदस्यों को मौजूदा शीतकालीन सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित भी कर दिया गया. निलंबित सांसदों ने विरोध स्वरूप धरना दिया.

कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने कहा कि हमने मात्र गृह मंत्री के बयान की मांग की थी, और कुछ नहीं उम्मीद की थी. टैगोर ने कहा कि अगर सरकार इसका भी जवाब नहीं देती है, तो किसे हिटलर राज कहा जाता है. इंडिया गठबंधन के सभी दल शुक्रवार को इस पर बैठक करेंगे और आगे की रणनीति पर विचार करेंगे. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी यही बात कही.

राज्यसभा से निलंबित सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने इस अंदाज में विरोध प्रदर्शन किया.

डीएमके सांसद टीआर बालू ने दी प्रतिक्रिया.

सांसद दानिश अली ने कहा कि निलंबित सांसदों में एक वैसे सांसद भी शामिल हैं, जो सदन भी नहीं आए थे. उन्होंने कहा कि पता नहीं देश में क्या हो रहा है.

दिन भर सदन में क्या-क्या हुआ - पहले कांग्रेस के पांच सदस्यों टी एन प्रतापन, हिबी इडेन, जोतिमणि, रम्या हरिदास और डीन कुरियाकोस को चालू सत्र की शेष अवधि के लिए सदन से निलंबित किया गया. इसके बाद कांग्रेस के वीके श्रीकंदन, बेनी बेहनन, मोहम्मद जावेद और मणिकम टैगोर, द्रमुक की कनिमोई और एस आर प्रतिबन, माकपा के एस वेकटेशन और पी आर नटराजन तथा भाकपा के के. सु्ब्बारायन के निलंबन का प्रस्ताव सदन में पारित हुआ.

एक बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे सदन की बैठक शुरू हुई तो विपक्षी सदस्य पहले की तरह ही अपने स्थान पर खड़े होकर बुधवार की घटना को लेकर हंगामा करने लगे. संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, ‘‘हम सब सहमत हैं कि कल की दुर्भाग्यपूर्ण घटना लोकसभा सदस्यों की सुरक्षा में गंभीर चूक थी.’’ उन्होंने कहा कि इस मामले में लोकसभा अध्यक्ष के निर्देश पर उच्चस्तरीय जांच शुरू कर दी गई है.

जोशी ने कहा कि इस मुद्दे पर किसी भी सदस्य से राजनीति की अपेक्षा नहीं की जाती, हमें दलगत राजनीति से ऊपर उठकर काम करना होगा. उन्होंने कहा कि संसद में सुरक्षा में चूक की इस तरह की घटनाएं पहले भी होती रही हैं और उस समय के लोकसभा अध्यक्षों के निर्देशानुसार मुद्दों पर कार्रवाई की जाती रही है. संसदीय कार्य मंत्री ने शोर-शराबा कर रहे विपक्षी सदस्यों से कार्यवाही आगे बढ़ाने का आग्रह किया.

उन्होंने आसन की अवमानना करने को लेकर कांग्रेस सदस्यों टी एन प्रतापन, हिबी इडेन, जोतिमणि, रम्या हरिदास और डीन कुरियाकोस को चालू सत्र की शेष अवधि के निलंबित करने का प्रस्ताव रखा, जिसे सदन ने ध्वनिमत से स्वीकृति दे दी. इसके बाद पीठासीन सभापति भर्तृहरि महताब ने कार्यवाही अपराह्न तीन बजे तक स्थगित कर दी. कार्यवाही फिर से आरंभ होने के बाद जोशी ने कांग्रेस के वीके श्रीकंदन, बेनी बेहनन, मोहम्मद जावेद और मणिकम टैगोर, द्रमुक की कनिमोई और एस आर प्रतिबन, माकपा के एस वेकटनेशन और पी आर नटराजन तथा भाकपा के के. सु्ब्बारायन के निलंबन का प्रस्ताव रखा. इसे सदन ने ध्वनिमत से मंजूरी दे दी.

पीठासीन सभापति महताब ने दूसरी बार में नौ विपक्षी सदस्यों के निलंबन के बाद अपराह्न करीब तीन बजकर दो मिनट पर लोकसभा की कार्यवाही शुक्रवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी. इससे पहले पूर्वाह्न 11 बजे जब सदन की बैठक शुरू हुई तो विपक्षी सदस्यों ने नारेबाजी शुरू कर दी. उन्होंने ‘गृहमंत्री इस्तीफा दो’ के नारे लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया.

अध्यक्ष ओम बिरला ने सदस्यों से हंगामा न करने का अनुरोध करते हुए कहा कि संसद परिसर की सुरक्षा लोकसभा सचिवालय की जिम्मेदारी है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि संसद की सुरक्षा सरकार का नहीं, बल्कि ‘‘हमारा अधिकार क्षेत्र’’ है. बिरला ने कहा, ‘‘कल जो घटना घटी है उसे लेकर हम सब चिंतित हैं और संसद की सुरक्षा की जिम्मेदारी लोकसभा सचिवालय की होती है... हमने संसद की सुरक्षा के मसले पर कल चर्चा की थी और आगे फिर चर्चा करेंगे। सुरक्षा की सारी जिम्मेदारी लोकसभा सचिवालय की है.’’

उन्होंने कहा कि संसद की सुरक्षा से सरकार का कोई लेना-देना नहीं है. उन्होंने कहा, ‘‘गलत परिपाटी मत डालिए. पहले भी ऐसी घटनाएं हुई हैं. भविष्य में ऐसी घटना न हो, इसे लेकर फिर चर्चा करेंगे.’’ हंगामे के बीच सदन के उपनेता एवं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सभी को सुरक्षा चूक के मामले की निंदा करनी चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘हमें सावधान रहने की जरूरत है..केवल सत्तापक्ष ही नहीं बल्कि विपक्ष के सदस्यों को भी ध्यान रखना चाहिए कि अराजकता पैदा करने वालों को ‘पास’ न मिले.’’

सिंह ने कहा कि पुराने संसद भवन में भी कागज फेंकने और दीर्घाओं से कूदने की घटनाएं हुई हैं. उन्होंने कहा कि सदन में हंगामे की स्थिति पैदा करने की कोई जरूरत नहीं है. रक्षा मंत्री के बयान के बावजूद सदन में हंगामा जारी रहा और अध्यक्ष ने नारेबाजी के बीच ही प्रश्नकाल शुरू करवाया. लगभग 15 मिनट तक चले प्रश्नकाल के दौरान सरकार से कम से कम दो पूरक प्रश्न पूछे गए और संबंधित मंत्रियों ने उनका जवाब दिया.

संसद पर 2001 में हुए आतंकवादी हमले की बरसी पर बुधवार को एक बड़ी सुरक्षा चूक की घटना में दो व्यक्ति- सागर शर्मा और मनोरंजन डी. शून्यकाल के दौरान दर्शक दीर्घा से लोकसभा कक्ष में कूद गए. उन्होंने ‘केन’ से पीली गैस भी छोड़ी। बाद में सांसदों ने उन्हें काबू में किया.

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Last Updated : Dec 14, 2023, 7:34 PM IST

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