भोपाल।राजधानी के सतपुड़ा भवन में फायर सेफ्टी के इंतजाम नहीं होने से आग बुझाने में 20 घंटे से ज्यादा लग गए. फायरसुरक्षा कर्मी और आफिसर्स का कहना है कि पूरी बिल्डिंग में फायर सेफ्टी अलार्म नहीं थे और जो फायर बुझाने के उपकरण थे वे सिर्फ शोपीस के लिए दीवालों पर टंगे थे. एक दो फायर एक्सटेंगुशर ने ही काम किया, बाकी ने काम नहीं किया. फायर ब्रिगेड के पाइप को चौथी मंजिल तक ले जाने में देर लगी. इन्ही सब कारणों के कारण आग पर काबू नहीं पाया गया.
आग बुझाने में लगे 20 घंटे: हमारे संवाददाता ने आग लगने के बाद के माहौल को देखा और बताया कि आग बुझाने में 20 घंटे क्यों लग गए. आग बुझाने के लिए फायर कर्मियों को फायर ब्रिगेड का पाइप ऊपरी माले तक ले जाने पड़ा और इसी वजह से आग को बुझाने में प्रदेश के शहरों से बुलाई गई फायर ब्रिगेड भी आग पर काबू नहीं पा सकीं और उसे बुझाने में 20 घंटे लग गए. यह कोई पहली बार नहीं हुआ है, इससे पहले भी सतपुड़ा भवन में आगजनी की घटनाएं सामने आ चुकी हैं. लेकिन हैरत की बात यह है कि पहले भी इलेक्शन के आसपास ही आग लगने के घटनाएं हुई हैं.
फायर एक्ट प्रदेश में नहीं है लागू:बीजेपी सरकार पिछले 19 सालों से सत्ता में है. लेकिन फायर डिपार्मेंट की तरफ से बार-बार ये कहा गया कि प्रदेश में फायर एक्ट लागू नहीं हुआ है, इसकी एक वजह बिल्डरों और अन्य बड़े भूमाफियाओं के आगे सरकार का घुटने टेकना है. देश के दूसरे राज्यों में फायर सेफ्टी एक्ट को लागू किया गया है, लेकिन एमपी में फायर सेफ्टी एक्ट पारित नहीं हुआ है. इससे साफ है कि सरकार की मंशा नहीं है कि प्रदेश की बिल्डिगों में फायर सेफ्टी के इंतजामों को कड़ाई से लागू किया जाए.
एयर फोर्स बुला ली, लेकिन पानी मुहैया नहीं कर पाया नगर निगम:एयर फोर्स भी सतपुड़ा की बिल्डिंग की आग बुझाने के लिए आई. लेकिन उनको पानी ही नहीं मिल पाया. अमूमन यही हाल दूसरी फायर ब्रिगेड्स का रहा. उनका भी यही कहना था कि यदि हमें लगातार पानी मिलता रहता तो हम आग पर पहले ही काबू पा लेते.
आग बुझाने के लिए एक सिलेडर के सिवाय कुछ नहीं था:जब आग की जांच करने वाली कमेटी मुआयना करने पहुंची तो चपरासी से पूछा गया कि तुमने क्या देखा, जब तुम तीसरी मंजिल पर मौजूद थे. तो उसने कहा कि तीसरी मंजिल पर जब मैंने देखा की ऊपर से धुंआ आ रहा है और वहां पर आग लगनी शुरु हुई तो मैने वहां रखे आग बुझाने के सिंलेडर को चालू किया, लेकिन आग लगातार बढ़ रही थी. मैंने देखा कि सोफे में आग लगी और उसके बाद आग लगातार बढ़ती गई, उस बिल्डिंग में कोई भी फायर एक्सट्यूगुशर मौजूद नहीं था.