भोपाल। मध्यप्रदेश के लोग कितने खुश हैं, यह जानने के लिए अब आपको विधानसभा चुनाव तक इंतजार करना होगा. मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव की वजह से मध्यप्रदेश सरकार के आनंद विभाग द्वारा कराए जा रहे हैप्पीनेस इंडेक्स का सर्वे कार्य फिर पिछड़ गया है. विभाग ने इसके लिए आईआईटी खड़गपुर से अनुबंध किया था, लेकिन 4 साल बाद भी यह सर्वे कार्य पूरा नहीं हो पाया. अब विभाग ने इसके लिए अगले साल की समय-सीमा तय की है. हालांकि यदि यह पूरा हुआ तो यह मध्यप्रदेश का अपना इंडेक्स होगा. इंडेक्स विधानसभा चुनाव के बाद आया तो यह बीजेपी सरकार में लोगों की खुशी और गम की स्थिति बयां करेगी. यदि सरकार बदली तो 2019 की तरह यह होल्ड पर भी जा सकता है. (MP Happiness Index Survey)
विभाग बोला अभी तक यह हुई तैयारियां:2017 में प्रदेश की शिवराज सरकार ने लोगों की जिंदगी में खुशियां घोलने के लिए आनंद विभाग की स्थापना की थी. इसके बाद तय किया गया था कि मध्यप्रदेश की जनता का खुशी सूचकांक तैयार किया जाएगा. ऐसा कर सरकार ने खूब सुर्खियां बटोरी थीं, लेकिन यह सूचकांक आज तक तैयार नहीं हो पाया. इसके लिए चिन्हित जिलों में सेंपल सर्वे भी किया गया, लेकिन राज्य में व्यापक सर्वे नहीं किया जा सका.
विभाग बोला 20 हजार लोगों के बीच होगा सर्वे: आनंद विभाग के सीईओ अखिलेश अर्गल बताते हैं कि हैप्पीनेस इंडेक्स तैयार कराने के लिए विभाग ने तमाम तैयारियां पूरी कर ली हैं. हैप्पीनेस इंडेक्स के लिए आईआईटी खडगपुर को नॉलेज पार्टनर बनाया गया है. बीच में करीब ढाई-तीन साल कोविड में चले गए. इस वजह से इसमें देरी हुई है. पूरे विश्व में आनंद को मापने के लिए जितने भी पैमाने हैं, उनकी स्टडी की गई. फिर देखा कि कैसे आनंद का मापन किया जाता है, उसकी स्टडी कर प्रदेश के हिसाब से डोमेन और सब डोमेन का चयन किया गया.