नई दिल्ली। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने स्थानीय निकायों और पंचायतों के चुनाव में ओबीसी वर्ग को आरक्षण देने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले में परिवर्तन के लिए सुप्रीम कोर्ट में मॉडिफिकेशन एप्लिकेशन दायर करने की घोषणा की है. सरकार के फैसले की जानकारी देते हुए शिवराज सिंह चौहान ने कहा, "भारतीय जनता पार्टी और भाजपा सरकार सदैव से यह प्रयास करती रही है कि समाज के हर वर्ग को न्याय दे, सामाजिक न्याय, सामाजिक समरसता के साथ. इसलिए हमने सदैव प्रयास किया कि ओबीसी को भी उसका अधिकार मिलना चाहिए".
ओबीसी विवाद के लिए कांग्रेस जिम्मेदार:शिवराज सिंह चौहान ने मध्य प्रदेश में उपजे ओबीसी विवाद के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार बताते हुए कहा, "मध्य प्रदेश में पाप कांग्रेस ने किया. मध्य प्रदेश में पंचायत के चुनाव की प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी थी, लेकिन कांग्रेस के कार्यकर्ता कोर्ट में गए और उसके कारण बाद में यह स्थिति आई कि ओबीसी आरक्षण के बगैर चुनाव करा लिए जाएं".
भारत के सॉलिसिटर जनरल से की चर्चा:सरकार के फैसले से पहले कानूनी विचार-विमर्श की जानकारी देते हुए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा, "आज हमने अपनी पूरी टीम, राज्य के गृह एवं विधि मंत्री नरोत्तम मिश्रा और नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह के साथ भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और एडिशनल सॉलिसिटर जनरल केएम नटराज और एडवोकेट्स की टीम के साथ पूरे मामले पर विचार विमर्श किया, तमाम पहलुओं पर विचार करने के बाद हमने यह फैसला किया है कि हम सुप्रीम कोर्ट के आदेश में मॉडिफिकेशन के लिए फिर से सुप्रीम कोर्ट जाएंगे और ओबीसी आरक्षण के साथ चुनाव कराने को लेकर सारे तथ्य पूरी ताकत के साथ उच्चतम न्यायालय में रखेंगे".