भोपाल। तो क्या इस बार एमपी में कांग्रेस और बीजेपी की हार जीत बागी और नाराज तय करेंगे...बीजेपी में इससे पहले कब ऐसा हुआ है कि पार्टी के प्रदेश प्रभारी के सामने कार्यकर्ताओं की गुस्साई भीड़ नारे लगा रही हो. कांग्रेस को इस चुनाव से पहले कितनी बार ऐसा मौके आया कि टिकट बदलने की नौबत आ गई हो. सात सीटों पर उम्मीदवार बदलने के बावजूद भी कितनी ऐसी सीटे हैं. जहां कांग्रेस पर उम्मीदवार बदलने का दबाव है. बीजेपी में इसके पहले कब पार्टी कार्यकर्ता का गुस्सा काबू के बाहर हुआ. प्रदेश प्रभारी भूपेन्द्र यादव और केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के सामने अनुशासित पार्टी की टूटती मर्यादा किन सीटों पर चुनाव में बीजेपी का संकट बनेगी. डिटेल रिपोर्ट. बीजेपी में बगावत की आग कहां कहां...
बुंदेलखंड में बागियों ने बढ़ाई बीजेपी की टेंशन: टीकमगढ़ में बीजेपी के पूर्व विधायक केके श्रीवास्तव का टिकट कटा तो अब केके श्रीवास्तव आम आदमी पार्टी से चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं. 2018 में भी के के श्रीवास्तव का टिकट काट दिया गया था. अब जबकि लगातार दूसरी बार उनका टिकट कटा तो उन्होंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया. बंडा में पार्टी के अधिकृत उम्मीदवार वीरेन्द्र सिंह लंबरदार का भी विरोध हो रहा है. यहां रंजोर सिंह के समर्थन में पार्टी कार्यकर्ताओं ने गांव-गांव रैली निकाल दी. इसके अलावा छतरपुर राजनगर महाराजपुर में भी कमोबेश यही तस्वीर है. चांदला में विधायक का टिकट कटने से समर्थक नाराज हैं. उधर बिजावर में बीजेपी की विधायक रेखा यादव को लेकर चर्चा है कि वे समाजवादी पार्टी से चुनाव लड़के बीजेपी को झटका दे सकती हैं.
चंबल में बागियों को संभालने में बीजेपी का दम फूला:चंबल इलाके में भी बीजेपी के उम्मीदवारों की सूची आ जाने के बाद दावेदार बागी तेवर दिखा रहे हैं. लहार से पूर्व विधायक रसाल सिंह ने टिकट नहीं मिलने का बाद पार्टी ही छोड़ दी. रसाल सिंह ने बीएसपी ज्वाइन कर ली है और बसपा प्रत्याशी के तौर पर चुनाव मैदान में उतर गए हैं. भिंड जिले की अटेर सीट पर मुन्ना सिंह भदौरिया ने टिकट नहीं मिलने पर बीजेपी छोड़के समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया और सपा के टिकट पर चुनाव मैदान में उतर गए. भिंड से विधायक संजीव सिंह के भी टिकट कटने पर बगावती तेवर दिखाई दिए हैं. माना जा रहा है कि वे बसपा से चुनाव लड़ सकते हैं.
ग्वालियर में में बागियों की दो टूक टिकट बदले: ग्वालियर पूर्व में बीजेपी ने पूर्व मंत्री माया सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया है. जिनका भारी विरोध हो रहा है. यहां मुन्नालाल गोयल भी टिकट के लिए दावेदारी कर रहे थे. मुन्नालाल के समर्थकों ने विरोध में सिंधिया का महल तक घेर दिया था. ग्वालियर दक्षिण विधानसभा में लंबे समय से चुनाव के लिए टिकट मांग रहे पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के भांजे अनूप मिश्रा को फिर लूप लाईन में डाल दिया गया है. जाहिर है इनके समर्थकों का गुस्सा भी चुनाव में असर दिखाएगा.
महाकौशल में ऐसी महाभारत नहीं देखी:अनुशासित कही जाने वाली बीजेपी में महाकौशल में जो महाभारत हुई. वो इतिहास में दर्ज हो गई है. यहां विवाद जबलपुर उत्तर मध्य सीट को लेकर शुरु हुआ. जहां से पार्टी ने अभिलाष पाण्डे को अपना उम्मीदवार बनाया है. यहं से धीरज पटेरिया शरद जैन कमलेश अग्रवाल समेत फौज बीजेपी की दावेदारी कर रही थी. जिनके सब्र का बांध इस नाम पर टूट गया. तस्वीर जो बनी वो पूरी बीजेपी के लिए अब तक की शर्मनाक तस्वीर है. पार्टी के प्रदेश प्रभारी के सामने पार्टी कार्यकर्ताओं ने अनुशासन की धज्जियां उड़ा दीं. केन्द्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव के सामने पार्टी कार्यकर्ताओं ने विरोध में नारे लगाए.
कांग्रेस में टिकट बंटते ही उतरी कलई:ग्वालियर में कांग्रेस के एक अनार सौ बीमार वाले हालात. ग्वालियर विधानसभा सीट पर कांग्रेस के अधिकृत उम्मीदवार सुनील शर्मा का विरोध इस दर्जे का है कि बगावत में एक दर्जन नेताओं की कतार खड़ी है. पिछले 6 महीने से इस सीट पर अपनी जमीन बना रहे इन बागियों ने पार्टी को चेता दिया है कि टिकट नहीं बदला तो सीट जीत पाना मुश्किल हो जाएगा.