भोपाल।मध्यप्रदेश में स्कूलों को बेहतर बनाने के लिए शनिवार से सीएम राइज स्कूल बनाने की शुरुआत हो गई. इसमें भोपाल के दो स्कूलों की भी आधारशिला रखी गई. कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद के क्षेत्र जहांगीराबाद स्थित रशीदिया स्कूल को भी इसमें शामिल किया गया है. वहीं सीएम राइज स्कूलों को लेकर कांग्रेस ने फिर से सवाल उठाया है. उन्होंने कहा स्कूल का सिर्फ नाम बदलने और स्कूलों की रंगाई पोताई करने से क्या शिक्षा व्यवस्था बदल जाएगी. इस पर शिक्षाविदों ने कहा कि, शुरुआत में हर व्यवस्थाओं पर सवाल उठाए जाते हैं, लेकिन बाद में सब ठीक रहता है. सरकार को कुछ बातों पर लेकिन ध्यान देने की जरूरत है. (mp cm rise school virtual bhumi pujan)
सीएम राइज स्कूल का भूमिपूजन: प्रदेश के 69 सीएम राइज स्कूलों का भूमिपूजन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को किया. मुख्य आयोजन इंदौर के अहिल्या आश्रम स्कूल में हुआ. इसके साथ ही प्रदेश के 69 स्कूल भी इस कार्यक्रम में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जुड़े. इस मौके पर स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार, स्कूल शिक्षा विभाग की प्रमुख सचिव रश्मि अरुण शमी भी मौजूद थीं. प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए सीएम राइज स्कूल खोले जा रहे हैं. वहीं विपक्षी दल कांग्रेस इसे बच्चों के साथ खिलवाड़ बता रही है.(shivraj virtual bhumi pujan)
कमलनाथ ने शिक्षकों के तबादले पर उठाए सवाल:कांग्रेस का कहना है कि जब मध्यप्रदेश में पहले ही स्कूलों में शिक्षा का स्तर बेकार है, तो ऐसे में नाम बदलने से शिक्षा का स्तर भी क्या बदलेगा? इसको लेकर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी ट्वीट किया है. कमलनाथ ने लिखा कि, शिवराज सरकार बढ़-चढ़कर दावे तो कर रही है, लेकिन दूसरी ओर हजारों शिक्षक तबादलों को लेकर परेशान हैं. पहले कहा कि सीएम राइज स्कूल के शिक्षकों का तबादला नहीं होगा, फिर तारीख निकालने के बाद उनका तबादला कर दिया जाता है और उन्हें रिलीव नहीं किया जा रहा. ऐसे में शिक्षकों को सिर्फ परेशान किया जा रहा है.(kamalnath raised questions on transfer of teachers)
सीएम राइज स्कूल बच्चों के साथ छलावा: कांग्रेस मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष अजय यादव ने सीएम राइज स्कूलों पर सवाल उठाया है. अजय यादव का कहना है कि, मध्यप्रदेश में पहले से ही शिक्षा की व्यवस्था बद से बदतर है और सरकारी स्कूलों में पढ़ाई के लिए उचित व्यवस्था नहीं है. ऐसे में क्या सिर्फ पुराने स्कूलों को रंग रोगन कर और नाम बदलने से शिक्षा का स्तर सुधर जाएगा. यह तो सिर्फ बच्चों के साथ छलावा और धोखा है. (congress ajay yadav raised question on rise school)
एक्सीलेंस स्कूल भी हुआ कामयाब:पूर्व प्राचार्य और शिक्षाविद अनिल सिंह गौर मानते हैं कि, शुरुआत में भले ही हर व्यवस्था में परेशानी आती है लेकिन धीरे-धीरे सब ठीक हो जाता है. पहले एक्सीलेंस स्कूलों को लेकर भी कई शंका और बातें निकल कर सामने आई थी, लेकिन बाद में यही एक्सीलेंस स्कूल मध्यप्रदेश में बेहतर परफॉर्मेंस देने में कामयाब हुए. भोपाल में ही सुभाष स्कूल को एक्सीलेंस स्कूल बनाया गया, तब सुभाष स्कूल का रिकॉर्ड अच्छा नहीं था, लेकिन जब से वो एक्सीलेंस स्कूल बना है इसके बच्चों ने मेरिट लिस्ट में स्थान बनाया है. गौर मानते हैं कि शिक्षकों के तबादले होने और सीएम राइज स्कूल में पढ़ाने वाले शिक्षकों को इधर से उधर भेजने के कारण शिक्षकों में पढ़ाने के प्रति भाव नहीं आ पाएगा, ऐसे में इस ओर सरकार को ध्यान देने की जरूरत है.
CM Rise School: भिंड को मिली चार सीएम राइज स्कूलों की सौगात, मुख्यमंत्री ने किया वर्चुअल भूमिपूजन