दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

2023 के इलेक्शन में प्रदेश की 23 हाईप्रोफाइल सीटें, जिनपर लगी है पार्टियों के दिग्गज नेताओं की साख दांव पर, जानें क्या है समीकरण

MP Election Podcast: एमपी चुनाव में प्रदेश की 23 सीटें ऐसी हैं, जिनपर सभी की नजर बनी हुई है. इन सीटों को प्रदेश खी हाईप्रोफाइल मानी जा रही हैं. इन सीटों पर प्रदेश के दिग्गज नेताओं को दोनों पार्टियों ने उम्मीदवार बनाया है. आइए जानते हैं, इन सीटों पर क्या राजनीतिक समीकरण बन रहे हैं.

MP Election 2023
मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2023

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 17, 2023, 6:13 AM IST

एमपी की इन 23 सीटों पर नजर

एमपी में 17 नवंबर को चुनावी मतदान हो जाएगा. इसके बाद सभी को 3 दिसंबर का इंतजार रहेगा. ऐसे में हम आपको उन सीटों के बारे में बता रहे हैं, जिसकी नजर सभी पर रहेंगी. दरअसल, प्रदेश की 23 ऐसी सीट हैं, जिन्हें हाई प्रोफाइल माना जा रहा है. इन सीटों में वो सीट भी शामिल है, जिनपर प्रदेश की कुर्सी संभालने की जिम्मेदारी रह चुकी है, या वे एमपी के मुख्यमंत्री की कुर्सी के दावेदार हैं. पूरे प्रदेश में यूं तो बीजेपी और कांग्रेस समेत अन्य दल भी अपना दमखम दिखा रहे हैं. आइए समझते हैं, एमपी की खास 23 सीटों पर चुनावी समीकरण...

  • पहली सीट है, बुधनी. यहां बीजेपी ने प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को उम्मीदवार बनाया है. ये सीट सीहोर जिले में आती है. इस सीट पर उन्होंने पहली बार उपचुनाव में जीत हासिल की थी. चौहान का गढ़ माने वाली सीट पर पिछले तीन चुनाव से वे जीत रहे हैं. इससे पहले इस सीट पर शिवराज ने केंद्रीय मंत्री अरुण यादव को लगभग 60 हजार वोट से हराया था
  • दूसरी सीट है छिंदवाड़ा विधानसभा की. यहां से 2018 में मुख्यमंत्री बनने के बाद कमलनाथ 2019 अपने गृह क्षेत्र से उपचुनाव में मैदान में उतरे थे और जीत दर्ज की थी. इस सीट पर कांग्रेस के विधायक दीपक सक्सेना ने चुनाव जीता था, लेकिन सहयोगी होने के नाते उन्होंने कमलनाथ के लिए सीट को छोड़ दिया था. इससे पहले 2013 में बीजेपी ने यहां से जीत दर्ज की थी. इसके अलावा 2008 में ये सीट कांग्रेस के पास थी. इसके अलावा छिंदवाड़ा से लगातार 9 बार कमलनाथ ने चुनाव में जीत दर्ज की थी.
  • तीसरी सीट दिमनी विधानसभा है. इस सीट पर सभी की नजर है. यहां से केंद्रीय मंत्री को बीजेपी नरेंद्र सिंह तोमर को चुनावी मैदान में उतारा है. 2018 में यहां से गिर्राज दंडोतिया जीते थे. जिसके बाद वे बीजेपी में शामिल हो गए थे. इसके बाद उपचुनाव हुआ, और कांग्रेस के रविंद्र सिंह तोमर से हार का सामना करना पड़ा.
  • चौथी सीट नरसिंहपुर विधानसभा है. यहां से केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल को चुनावी मैदान में उतारा है. 2018 में प्रहलाद सिंह के भाई जालम सिंह यहां से विधायक चुने गए थे. यहां से उन्होंने 48 हजार वोटों से चुनाव जीता था. 2013 में जालम सिंह 14 हजार के अंतर से जीते थे.
  • पांचवी सीट इंदौर-1 विधानसभा हाईप्रोफाइल बनी हुई है. यहां से बीजेपी ने कांग्रेस विधायक संजय शुक्ला के सामने महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को मैदान में उतारा है. संजय शुक्ला 2018 में मात्र 8 हजार से यहां चुनाव जीतने में सफल हुए थे. इससे पहले 2008 और 2013 में बीजेपी इस सीट को अपने पास रखने में सफल रही है.
  • 6वीं सीट निवास विधानसभा पर भी सभी की नजर बनी हुई है. यहां से आदिवासी नेता केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते को बीजेपी ने टिकट दिया है. इस सीट पर वर्तमान में कांग्रेस से विधायक डॉ. अशोक मार्सकोले हैं. जिन्हें 2018 में 28 हजार वोट से जीत मिली थी.
  • 7वीं सीट दतिया विधानसभा है. ये सीट नरोत्तम मिश्रा के पास है. इस सीट पर नरोत्तम मिश्रा ने महज 2600 वोट के कम अंतर से जीता था.
  • 8वीं सीट लहार की है. यहां पर कांग्रेस के कद्दावर नेता और नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह सीट से मैदान में है. वे इस सीट पर 1990 से विधायक हैं. हालांकि, 2018 में उन्हें 9 हजार के मामलू अंतर से जीत मिली थी.
  • 9वीं सीट हरसूद विधानसभा है.यहां से वन मंत्री विजय शाह बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. इस सीट पर साल 2018 में उन्होंने लगभग 19 हजार वोट से जीत हासिल की थी.
    10वीं सीट सांची विधानसभा है. यहां से राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉ प्रभुराम चौधरी चुनाव जीतते आ रहे हैं. चौधरी ने 2020 में बीजेपी का दामन थाम लिया था. उन्हें सिंधिया गुट का नेता कहा जाता है. उन्होंने उपचुनाव में भी लगभग 64 हजार के लंबे अंतर से चुनाव जीता था. इसके अलावा वे 2018 और 2008 में कांग्रेस के टिकट पर जीत चुके हैं.
  • 11वीं सांवेर की सीट पर भी सिंचाई मंत्री तुलसी सिलावट इंदौर जिले की इस सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. 2020 में उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी थी. इसके बाद वे बीजेपी में शामिल हो घए। यहां उन्हें उपचुनाव में भी 53 हजार से ज्यादा वोटों से जीत मिली थी. इसके पहले वे 2008 और 2018 में कांग्रेस के टिकट पर जीत दर्ज कर चुके हैं.
  • 12वीं ग्वालियर विधानसभा सीट है. यहां से वर्तमान विधायक उर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह चुनावी मैदान में है. 2020 में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो थे. उपचुनाव में भी उन्होंने 33 हजार वोट से जीत दर्ज की थी. इसके अलावा 2018 और 2008 में यहां से जीते थे.
  • 13वीं सीट सुरखी विधानसभा है. यहां से परिवहन और राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत हैं. उन्होंने साल 2020 में कांग्रेस छोड़ बीजेपी का दामन थाम लिया था. उपचुनाव में 49 हजार वोट से जीत दर्ज की थी. इसके अलावा वे 2018, 2008 और 2003 में सुरखी से कांग्रेस से चुनाव जीत चुके हैं.
  • 14वीं सीट धार की है. यहां से उद्योगमंत्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव हैं. उन्होंने भी 2020 में कांग्रेस छोड़ बीजेपी का साथ थाम लिया था. इसके बाद वे 53,100 वोट से उपचुनाव जीते थे. इससे पहले वे 2018 और 2013 में कांग्रेस से चुनाव जीत चुके हैं.
  • 15वीं सीट गुना की बामोरी विधानसभा है. यहां से ग्रामीण विकास मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया हैं. उन्होंने भी सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया था. यहां उपचुनाव में भी उन्होंने 53 हजार के अंतर से चुनाव जीता था. इसके बाद अलावा वे 2018 और 2013 के चुनाव में जीत दर्ज कर चुके हैं.
  • 16वीं सीट गुना की ही राघोगढ़ है. यहां से दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्धन सिंह मैदान में हैं. इस सीट से 2018 में उन्होंने 46,600 वोट से जीत दर्ज की थी.
  • 17वीं विधानसभा सीट सीधी की चुरहट है. यहां से पूर्व सीएम अर्जुन सिंह के बेटे अजय सिंह चुनावी मैदान में हैं. 2018 में बीजेपी के शरदेंदु तिवारी से चुनाव हार गए थे.
  • 18वीं सीट सिहावल है. ये सीट सीधी जिले में स्थित है. यहां से कमलेश्वर पटेल विधायक हैं. वे पूर्व मंत्री इंद्रजीत पटेल के बेटे हैं. यहां से 2018 में उन्होंने 31,500 वोट से जीत दर्ज की थी. कांग्रेस ने उन्हें सीडब्ल्यूसी का सदस्य भी नियुक्त किया है.
  • 19वीं सीट अनूपपुर है. प्रदेश के खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री बिसाहूलाल सिंह यहां से विधायक हैं. 2020 में उन्होंने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया था. उपचुनाव में भी उन्होंने जीत हासिल की थी.
  • 20वीं सीट मैहर की है. यहां से त्रिपाठी ने बीजेपी के टिकट पर साल 2018 में जीत दर्ज की थी. उन्होंने यहां से महज 2,900 वोटों से जीते थे. अब उन्होंने अपनी पार्टी बना ली है. उन्होंने सपा के बाद अब बीजेपी भी छोड़ दी है.
  • 21वीं सीट नरेला विधानसभा है. यहां से विश्वास सारंग चुनावी मैदान में है. उन्होंने 2008, 2013 और 2018 में बीजेपी के टिकट पर जीत हासिल की. प्रदेश सरकार में वे चिकित्सा शिक्षामंत्री हैं.
  • 22वीं सीट चाचौड़ा की है.यहां से दिग्विजय सिंह के छोटे भाई लक्ष्मण सिंह विधायक है. उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर साल 2018 में महज 9700 वोट से जीत हासिल की थी.
  • 23वीं और आखिरी सीट इंदौर-2 की है. इस सीट पर भी लोगों की काफी नजर है. यहां से कैलाश विजयवर्गीय के खास रमेश मेंदोला चुनावी मैदान में हैं. साल 2018 में उन्होंने यहां से 71 हजार वोटों से जीत दर्ज की थी. इससे पहले 2018 और 2013 में भी वे चुनाव जीत चुके हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details