भोपाल।विधानसभा 2018 की चर्चा की जाए तो मुख्यमंत्री ने आरक्षण को लेकर कहा था कि ''कौन माई का लाल आरक्षण खत्म कर सकेगा.'' ये बयान BJP को 2018 के चुनाव में भारी पड़ा था. भले ही शिवराज सिंह को यह लग रहा था कि यह उनका "माई के लाल' वाला बयान उन्हें चुनावी फायदा देगा लेकिन दांव उल्टा पड़ गया. अब विंध्य में सीधी कांड ने सत्ताधारी पार्टी को मुश्किलों में खड़ा कर दिया है. मामला आदिवासी बनाम ब्राह्मण बन गया है. आदिवासी व्यक्ति पर भाजपा नेता प्रवेश शुक्ला ने पेशाब किया तो सरकार ने बिना देर करें प्रवेश शुक्ला के खिलाफ रासुका और अन्य धाराएं लगाकर उसे जेल भेज दिया.
सीधी कांड क्यों बना सरकार के गले की फांस:यहां तक तो बात ठीक थी, लेकिन आनन-फानन में जिस तरह से सरकार अपराधियों के घर पर बुलडोजर चलाती है उसी तर्ज पर प्रवेश शुक्ला के घर पर भी बुलडोजर चला दिया गया, लेकिन यह बुलडोजर अब सरकार पर भारी पड़ता दिखाई दे रहा है. बुलडोजर के विरोध में पूरा ब्राह्मण समाज सरकार के खिलाफ खड़ा हो गया है. अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज ने शिवराज सरकार की खिलाफ़त की और उन्हें चेतावनी देते हुए कहा है कि जिस मकान पर बुलडोजर चलाया गया उसमें आरोपी के नाम पर कुछ नही हैं. ऐसे में अब ब्राह्मण समाज सरकार से नाराज है और इसके परिणाम भुगतने को सरकार तैयार रहे.
ब्राह्मण समाज हाई कोर्ट में दायर करेगा पिटीशन: ब्राह्मण समाज ने तय किया है कि सरकार ने बुलडोजर से जिस मकान को गिराया है उसके लिए समाज उस परिवार को 51 हजार की राशि देगी और सारे ब्राह्मणों से अपील करेगी कि वह साथ आकर इस परिवार की मदद करें. इसके साथ ही ब्राह्मण समाज जबलपुर हाई कोर्ट में पिटीशन भी दायर करेगा. इस पूरे मामले पर कांग्रेस बीजेपी पर निशाना साधते हुए कह रही है कि ''एक तरफ बीजेपी आदिवासियों की हितैषी बनती है तो दूसरी तरफ उन पर लगातार अत्याचार बढ़ रहे हैं और वहीं, बुलडोजर से मकान ढाई जाने का विरोध भी जता रही है.'' कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा का कहना है कि ''बीजेपी सिर्फ अपने हित के लिए कुछ भी करने को तैयार है, यदि ब्राह्मण समाज को ऐसा लगता है कि उनके साथ अन्याय हुआ है तो CM शिवराज सिंह के खिलाफ कोर्ट जाएं.''