भोपाल। राजधानी के डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में दोपहर के बाद अचानक पुलिस के वाहनों का आवागमन बढ़ गया. करीब तीन बजे पुलिस के बड़े अफसर आने लगे और एमपी नगर थाने की पुलिस भी तैनात हो गई. मौके पर खुद थाना प्रभारी सुधीर अरजरिया ने मोर्चा संभाला, क्योंकि शुक्रवार को हिज्ब उत तहरीर संगठन के 16 सदस्यों को कोर्ट में पेश किया जाना था. करीब 20 मिनट तक एटीएस पुलिस ने कोर्ट में सर्चिंग की. कोर्ट के मेन गेट के सामने की सभी गाड़ियों को हटवा दिया गया और सामने का पूरा परिसर खाली कराया गया. ठीक 3 बजकर 26 मिनट पर एक गाड़ी में पुलिस के जवान आए और ठीक 3.28 बजे दो गाड़ियां कोर्ट परिसर में प्रवेश करती है. आगे वाली गाड़ी ट्रेवलर थी तो पीछे 32 सीटर बस थी. इन दोनों ही गाड़ियों में भारी भरकम फोर्स मौजूद था, क्योंकि इन्हीं गाड़ियों में हिज्ब उत तहरीर संगठन के 16 सदस्य मौजूद थे. 3.30 बजे इन्हें गाड़ी से बाहर निकाला गया, लेकिन उसके पहले थ्री लेयर सिक्योरिटी गेट से लेकर कोर्ट तक तैनात कर दी गई. इसमें लोकल पुलिस, एटीएस के जवान और हॉक फोर्स के 50 से अधिक जवान थे. तगड़ी सुरक्षा के बीच इन्हें कोर्ट लेकर गए. यहां करीब 1 घंटे 5 मिनट तक सुनवाई चली. करीब 4.35 बजे सभी आराेपियों को बाहर लाया गया और कड़ी सुरक्षा के बीच उन्हें रवाना किया.
रिमांड का किया विरोध, बोले थर्ड डिग्री टार्चर दे रहे हैं: कोर्ट ने कुल 10 आरोपियों को 24 मई तक पुलिस रिमांड दी है और बाकी 6 को ज्यूडिशियल रिमांड पर जेल भेज दिया है. जबकि एमपी एटीएस ने सभी आरोपियों की रिमांड दोबारा मांगी थी, लेकिन मुलजिम पक्ष के वकील ने आरोप लगाया कि सभी सदस्यों के साथ पुलिस टार्चर कर रही है. उनके साथ थर्ड डिग्री टार्चर दिया जा रहा है. ऐसे में उन्हें रिमांड पर नहीं दिया जाए. यह भी तर्क दिया कि अब तक पुलिस कोई बहुत बड़ा सबूत मुलजिमों के खिलाफ पेश नहीं कर पाई है. अब अगली पेशी 24 मई को है.