सोलन:हिमाचल की बेटी भारतीय पर्वतारोही बलजीत कौर की मौत की खबरों से मंगलवार का दिन सुर्खियों में रहा, लेकिन पहाड़ कि बेटी पहाड़ को बौना साबित कर एक बार फिर लौट चुकी है. बलजीत कौर का इलाज नेपाल काठमांडू स्थित सिविल अस्पताल में चल रहा है. वहीं, बलजीत कौर की माता शांति देवी ने कहा है कि उन्हें पहले तो सूचना मिली कि उनकी बेटी नहीं रही, लेकिन उसके बाद पुलिस और अन्य स्थानीय लोगों ने उन्हें बताया है कि उनकी बेटी सुरक्षित है और उसका इलाज चल रहा है.
बता दें कि हिमाचल प्रदेश के सोलन के ममलीग क्षेत्र की रहने वाली बलजीत कौर की खास बात यह है कि उन्होंने एक महीने से कम समय में एवरेस्ट समेत चार ऊंची पर्वत चोटियों पर फतह किया था. ऐसा करने वाली वह पहली भारतीय पर्वतारोही बनीं. खराब मौसम के कारण टीम 6350 मीटर ऊंचाई तक ही पहुंच पाई. हालांकि एक साल बाद फिर से माउंट एवरेस्ट के लिए NCC अभियान का हिस्सा बनीं. चढ़ाई के दौरान उनकी टीम 8,548 मीटर तक पहुंच गई थी, लेकिन ऑक्सीजन मास्क खराब होने की वजह से बलजीत को वापस बुला लिया गया. हालांकि उनका हौसला नहीं टूटा और साल 2022 में बलजीत कौर ने उस समय इतिहास रच दिया जब 17 मई को वह रात 10 बजे माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई के लिए रवाना हुईं, महज पांच दिन की कड़ी मेहनत और संघर्ष के बाद उन्होंने अपना सपना पूरा कर लिया.
वहीं, नेपाल-तिब्बत सीमा के पास 7,161 मीटर ऊंचे माउंट पुमोरी को फतह करने की भी उपलब्धि हासिल की। 8,167 मीटर ऊंचे माउंट धौलागिरी पर सफलतापूर्वक चढ़ाई करने वाली भी बलजीत कौर पहली भारतीय महिला पर्वतारोही बन गईं.
सबसे कठिन है माउंट अन्नपूर्णा: बता दें कि माउंट अन्नपूर्णा एक हिमालयी पुंजक है. यह नेपाल में स्थित है और 8,000 मीटर से अधिक का एक शिखर है, जो इसे चढ़ाई करने के लिए सबसे कठिन पहाड़ों में से एक बनाता है. इसको लेकर सोलन की पर्वतारोही बलजीत कौर ने बहुत तैयारी की थी और बिना ऑक्सीजन मास्क इस चोटी को बलजीत ने फतह किया है.