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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 18, 2023, 7:59 PM IST

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मृत बेटे की संपत्ति में हिस्सा मांगने का मां को कोई अधिकार नहीं - मद्रास हाई कोर्ट

मद्रास हाई कोर्ट ने अपने एक फैसले में कहा है कि मृत बेटे की संपत्ति में हिस्सा मांगने का मां को कोई हक नहीं है. कोर्ट ने कहा कि मृतक की पत्नी और बच्चे इसके हकदार हैं. पढ़िए पूरी खबर... Madras High Court, Nagapattinam District Court

Madras High Court
मद्रास हाई कोर्ट

चेन्नई :मद्रास हाई कोर्ट का कहना है कि मृत बेटे की संपत्ति में हिस्सा मांगने का मां को कोई अधिकार नहीं है. हाई कोर्ट नागापट्टिनम जिला न्यायालय द्वारा दिए गए फैसले के खिलाफ सुनवाई कर रहा था. मामले में नागापट्टिनम के पॉलिन इरुधाया मैरी के बेटे मोसेस की 2004 में एग्नेस के साथ शादी हुई थी. उसकी एक बेटी है. लेकिन 2012 में मोसेस की मौत हो गई थी. इस पर उसकी मां पॉलिन ने नागापट्टिनम जिला न्यायालय में याचिका दायर कर मोसेस की संपत्तियों में हिस्सा मांगा था, क्योंकि उन्होंने कोई वसीयत नहीं लिखी थी. इस पर नागापट्टिनम जिला न्यायालय ने आदेश दिया था कि मोसेस की मां भी बेटे मोसेस की संपत्ति में हिस्सा लेने का अधिकार है.

जिला न्यायालय के फैसले के खिलाफ मृतक मोसेस की पत्नी एग्नेस ने मद्रास हाई कोर्ट में अपील दायर की. मामला सुनवाई के लिए जस्टिस आर सुब्रमण्यन और जस्टिस एन सेंथिलकुमार की पीठ के समक्ष आया. इस पर कोर्ट ने मामले में सहायता के लिए वकील पीएस मित्रा नेशा को नियुक्त किया. वकील नेशा ने कोर्ट में दायर एक बयान में कहा कि उत्तराधिकार अधिनियम की धारा 42 के मुताबिक यदि पति की मृत्यु हो जाती है तो उसकी विधवा और बच्चों को संपत्ति में हिस्सा मिलता है. लेकिन यदि पत्नी और बच्चे नहीं हैं तो अभिभावक को संपत्ति में हिस्सेदारी मिलती. साथ ही कहा गया कि पिता को संपत्ति विरासत में मिलती है और यदि पिता नहीं है तो मां और भाई-बहनों को संपत्ति विरासत में मिलती है.

मामले की सुनवाई करते हुए मद्रास हाई कोर्ट के न्यायाधीशों ने कहा कि चूंकि विवाहित बेटे की मौत हो चुकी है इसलिए मां को संपत्ति में हिस्सा मांगने का कोई अधिकार नहीं है. हाई कोर्ट ने फैसला सुनाते कहा कि केवल पत्नी एग्नेस और बच्चों को संपत्ति में हिस्सा लेने का हक है. साथ ही मद्रास हाई कोर्ट के न्यायधीशों ने नागापट्टिनम जिला न्यायालय द्वारा पारित किए गए आदेश को रद्द कर दिया.

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