आमतौर पर माना जाता है की कुत्ते अपने मालिकों के साथ भावनात्मक रूप से बहुत ज्यादा जुड़े हुए होते हैं, लेकिन करंट बायोलॉजी जर्नल में प्रकाशित एक अध्धयन में ओरेगन स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता बताते हैं की बिल्ली के बच्चे भी अपने मालिकों या देखभाल करने वालों से काफी ज्यादा भावनात्मक जुड़ाव महसूस करते हैं। यहाँ तक की बिल्ली के बच्चे अपने मालिकों को अपने 'माता-पिता' के रूप में देखते हैं।
शोध में प्रयोग के दौरान पाया गए की अधिकांश बिल्ली के बच्चे का उनके मालिकों के प्रति स्नेह 'सुरक्षित लगाव शैली' वाला था। यानी जब उनके मालिक प्रयोग के दौरान उन्हें एक कमरे में छोड़ने के बाद पुनः उनके पास वापस लौटे तो उन्हें बिल्लियों के स्नेह के तरीके से "कम तनाव प्रतिक्रिया" का अनुभव हुआ, यानी बिल्ली के बच्चों का व्यवहार सहज और स्नेहपूर्ण था।
गौरतलब है की इस अध्ययन में चार से आठ महीने की उम्र के बिल्ली के बच्चे के समूह के व्यवहार का विश्लेषण किया गया था। इस अध्धयन में एक प्रयोग किया गया जिसमें पहले बिल्लियों ने अपने कार्यवाहक मालिकों के साथ दो मिनट का समय बिताया। जिसके उपरांत कार्यवाहक मालिकों ने उन्हे दो मिनट के लिए अकेला छोड़ दिया, और उसके बाद वे फिर दो मिनट के लिए वापस बिल्ली के बच्चों के पास आए।
इस अध्धयन में मानव शिशुओं और कुत्तों के लिए उपयोग किए जाने वाले समान मापदंडों का उपयोग करके विशेषज्ञ अनुलग्नक कोडर्स द्वारा बिल्लियों के बच्चों को अनुलग्नक शैलियों में वर्गीकृत किया गया था। ये चार श्रेणियां हैं,
- सुरक्षि
- उभयभावी (दो अलग-अलग तरह की भावनाएं रखने वाली)
- परिहार (अलगाव की भावना रखने वाली)
- अव्यवस्थित