नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के नेतृत्व वाली केंद्र की सरकार ने लोगों को अच्छा लगे इसके लिए कभी फैसले नहीं लिए बल्कि वही फैसले लिए जो लोगों के लिए अच्छे हों, भले ही उसके लिए उसे राजनीतिक नुकसान उठाना पड़ा हो.
सुशासन दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि देश लंबे समय से सुशासन का इंतजार कर रहा था और आखिरकार इसकी पूर्ति प्रधानमंत्री मोदी ने की.
उन्होंने कहा, 'लोग अक्सर कहा करते थे कि स्वराज तो हमें मिल गया लेकिन सुराज कब मिलेगा...सुशासन कब मिलेगा.' उन्होंने कहा कि सुशासन की कमी की वजह से लोगों का लोकतांत्रिक व्यवस्था पर से विश्वास कम होता जा रहा था.
उन्होंने कहा कि सुशासन को जमीनी स्तर तक पहुंचाकर प्रधानमंत्री मोदी ने लोकतंत्र पर जनता का विश्वास बहाल किया है. शाह ने कहा कि लोगों को लगता है कि मोदी 2014 में सरकार चलाने के लिए सत्ता में नहीं आए हैं बल्कि एक साफ-सुथरी, पारदर्शी और कल्याणकारी प्रशासन देने के लिए आए हैं और ऐसा करके उन्होंने देश की स्थिति ही बदल दी.
उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 के बाद लोकतंत्र पर लोगों का भरोसा बढ़ा है क्योंकि उन्हें मोदी सरकार की विकास योजनाओं के लाभ मिलने लगे. उन्होंने कहा, 'वर्ष 2014 से पहले कई सरकारें बदलीं. कई सरकारें आईं और कई सरकारें गईं. लेकिन जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सत्ता में आए तो लोगों को लगा कि यह सरकार देश को बदलने आई है ना कि सरकार चलाने.'
शाह ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों ने वोट बैंक को सामने रखते हुए कुछ निर्णय लिए लेकिन 'नरेंद्र मोदी सरकार लोगों को अच्छा लगे, ऐसे फैसले नहीं लेती है बल्कि लोगों के लिए अच्छे हों, ऐसे फैसले लेती है. यह एक बहुत बड़ा अंतर है. कुछ निर्णयों से आपकों कुछ समय के लिए लोकप्रियता तो हासिल हो जाती हैं लेकिन समस्याएं समाप्त नहीं होतीं.' केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि मोदी ने सभी को साथ लेकर सुशासन को साकार करने दिशा में प्रयास किए.