नई दिल्ली :देशभर में कोविड-19 के बढ़ते मामलों के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को महामारी के सतत प्रबंधन और सामाजिक जागरूकता बढ़ाने के साथ ही जन भागीदारी और जन आंदोलन जारी रखने की जरूरत पर बल दिया.
संकमण को फैलने से रोकने के लिए उन्होंने टेस्टिंग (जांच), ट्रेसिंग (संपर्कों का पता लगाना), ट्रीटमेंट (उपचार करना), कोविड बचाव संबंधी सावधानियां और और टीकाकरण की पांच स्तरीय रणनीति को बेहद गंभीरता और प्रतिबद्धता के साथ अपनाने पर जोर दिया.
देशभर में कोविड-19 के बढ़ते मामलों और जारी टीकाकरण अभियान के सिलसिले में रविवार को हुई एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक के बाद प्रधानमंत्री ने ये बातें कही.
प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक, छह अप्रैल से 14 अप्रैल के बीच कोविड-19 महामारी के अनुरूप व्यवहार करने मसलन शत-प्रतिशत मास्क के उपयोग, व्यक्तिगत स्वचछता पर जोर देने के साथ ही कोविड बचाव संबंधी सावधानियों के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा.
प्रधानमंत्री ने इस समीक्षा बैठक के दौरान आने वाले दिनों में अस्पतालों में बिस्तरों की उपलब्धता, जांच की उचित व्यवस्था और समय रहते मरीजों को अस्पतालों में भर्ती कराना सुनिश्चित करने को कहा.
उन्होंने कोरोना वायरस से होने वाली मृत्यु दर में हर हालत में कमी लाने और इसके लिए आवश्यक स्वास्थ्य ढांचा बढ़ाने पर भी जार दिया.
महाराष्ट्र, पंजाब और छत्तीसगढ़ में तेजी से बढ़ते कोविड-19 के मामलों के मद्देनजर प्रधानमंत्री ने स्वास्थ्य विशेषज्ञों के दलों को भेजने का भी निर्देश दिया.
बैठक के दौरान एक विस्तृत प्रस्तुति भी दी गई जिसमें बताया गया कि कोविड-19 के देश भर के कुल मामलों और इससे होने वाली मौतों के मामलों में से 91 प्रतिशत मामले सिर्फ 10 राज्यों में हैं जबकि महाराष्ट्र, पंजाब और छत्तीसगढ़ की स्थिति चिंताजनक है.