आइजोल : मिजोरम सरकार ने केंद्र सरकार को पत्र लिखा है. सरकार ने गृह मंत्री अमित शाह से कहा है कि असम में कई संगठनों द्वारा की गई नाकेबंदी के कारण आवश्यक और जीवन रक्षक दवाओं की आपूर्ति बाधित हो रही है, ऐसे में उन्हें व्यक्तिगत रूप से हस्तक्षेप करना चाहिए.
ईटीवी भारत ने मिजोरम के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. लालथंगलियाना से खास बात की. इस मामले को लेकर उन्होंने कहा कि मैंने गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर व्यक्तिगत रूप से हस्तक्षेप की मांग की है. मिजोरम को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग की 'नाकेबंदी' के कारण जीवन रक्षक दवाओं को ले जाने वाले कई वाहन फंसे हुए हैं, जो हमारे लिए एक बड़ी समस्या है. क्योंकि मिजोरम में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है.
मिजोरम के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. लालथंगलियाना से खास बातचीत. 26 जुलाई को असम-मिजोरम के बीच सीमा संघर्ष के बाद, असम में कई संगठनों ने राष्ट्रीय राजमार्ग 306 को अवरुद्ध कर दिया था.
गौरतलब है कि 26 जुलाई को असम और मिजोरम की सीमा पर हुये विवाद के दौरान गोलीबारी में असम के छह पुलिसकर्मियों एवं एक नागरिक की मौत हो गयी थी, जबकि 50 से अधिक लेाग घायल हो गये थे.
इसके बाद मिजोरम पुलिस ने असम के मुख्यमंत्री सरमा, छह अधिकारियों एवं 200 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था. राष्ट्रीय राजमार्ग-306 मिजोरम को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ता है एवं राज्य में ज्यादातर आपूर्ति इसी मार्ग से होती है.
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डॉ. लालथंगलियाना ने कहा कि यह पूरी तरह से गलत और अमानवीय है. यहां तक कि युद्ध जैसे हालात में भी राष्ट्रीय राजमार्गों को बंद नहीं किया जाता है. यह वास्तव में दुखद है कि असम ने राष्ट्रीय राजमार्ग 306 को अवरुद्ध कर दिया है.
उन्होंने दावा किया कि यहां तक कि ऑक्सीजन सिलेंडर, ऑक्सीजन संयंत्र सामग्री और कोविड-19 परीक्षण किट को भी मिजोरम में आने नहीं दिया जा रहा है, जबकि राज्य कोविड-19 में तीव्र वृद्धि से गुजर रहा है और यदि चिकित्सा आपूर्ति लंबे समय तक अवरूद्ध रहती है तो उसके सामने एक बड़ा स्वास्थ्य संकट उत्पन्न हो सकता है.
मिजोरम में कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है. राज्य में कोरोना के 12,189 सक्रिय मामले हैं. बता दें कि हाल में ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मिजोरम में तेजी से बढ़ रहे कोरोना मामलों पर चिंता व्यक्त की थी.