नई दिल्ली : कारगिल युद्ध हो या सर्जिकल स्ट्राइक 2.0 हो, पाकिस्तान की पनाह में पलने वाले आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब देने वाले भारतीय वायुनेसा के फाइटर प्लेन मिराज-2000 शुक्रवार को मध्यप्रदेश के मुरैना में दुर्घटनाग्रस्त हो गया है. राडार की पकड़ में न आने वाले इस फाइटर प्लेन की खास बात है कि यह किसी भी देश की सीमा के अंदर जाकर दुश्मनों का सफाया कर सकता है. यह बड़ी सटीकता के साथ सीमा के अंदर धुसकर अपने टारगेट को खत्म करने दमखम रखता है. ये वो मिसाइल है जो हवा से जमीन पर मार कर सकती हैं. इसके साथ ही यह अपने साथ एयर टू सर्फेस मिसाइल भी संभाल सकती है.
Mirage 2000 Fighter Plane: दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देने वाले फाइटर प्लेन मिराज-2000 की जानें खासियत और कीमत - पुलवामा हमला
मध्य प्रदेश के मुरैना के पास शुक्रवार को मिराज 2000 विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया है. इस हादसे में अन्य एक फाइटर प्लेन सुखोई-30 भी दुर्घटना का शिकार हुआ है. हादसे में एक पायलट की मौत की खबर है जबकि 2 पायलट बचा लिए गए हैं. इस पूरे ही मामले में इंडियन एयरफोर्स की तरफ से औपचारिक जानकारी आनी बाकी है. इससे पहले आइए जानें, पाकिस्तान के आतंकी कैंपों पर हमला करने वाले मिराज 2000 की खासियतों के बारे में...
पहली बार 1970 में उड़ान भरने वाला मिराज-2000 अत्याधुनिक फाइटर प्लेन की श्रेणी में आता है, जिसे भारतीय वायु सेना ने वज्र नाम दिया है. इसका निर्माण राफेल फाइटर प्लेन बनाने वाले फ्रांस की दसॉल्ट एविएशन कंपनी ने किया है. फाइटर प्लेन मिराज-2000 की लंबाई 47 फीट और वजन 7,500 किलो है, जो कि ज्यादा से ज्यादा दो हजार किमी प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ सकता है. मिराज-2000 13,800 किलो गोला बारूद के साथ 2,336 किमी की गति से उड़ सकता है. डबल इंजन वाला मिराज-2000,125 राउंड गोलियां प्रति मिनट और 68 मिमी के 18 रॉकेट प्रति मिनट दागता है. यह चौथी पीढ़ी का मल्टीरोल लड़ाकू विमान और माक 2 है. मिराज 2000 की कीमत 161 करोड़ रुपये यानी 2.3 करोड़ डॉलर है.
अक्टूबर 1982 में भारत ने 36 सिंगल सीटर सिलेंडर मिराज 2000 और 4 ट्वीन सीटर मिराज 2000 का ऑर्डर दिया था. इसे 1986 में औपचारिक रूप से वायुसेना में शामिल किया गया था. कारगिल युद्ध में मिग-21 के साथ मिराज-2000 विमानों ने भी अहम भूमिका निभाई थी. साल 2015 में कंपनी ने अपग्रेडेड मिराज-2000 लड़ाकू विमान भारतीय वायुसेना को सौंपे थे. इन अपग्रेडेड विमानों में नए रडार और इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम लगे हैं, जिनसे इन विमानों की मारक और टोही क्षमता में भारी इजाफा हो गया है. लेकिन फ्रांस ने ये विमान केवल भारत को ही नहीं बेचा, बल्कि आज की तारीख में यह प्लेन नौ देशों की वायुसेना द्वारा इस्तेमाल किया जा रहा है.