चतरा:झारखंडके श्रम नियोजन सह प्रशिक्षण एवं कौशल विकास मंत्री सत्यानंद भोक्ता के बेटे मुकेश कुमार भोक्ता का चपरासी के पद पर चयन हुआ है. उनका चयन चतरा व्यवहार न्यायालय में चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी के रूप में हुआ है. वहीं मंत्री के भतीजे रामदेव कुमार भोक्ता का नाम वेटिंग लिस्ट में रखा गया है. मंत्री के बेटे का चतुर्थ वर्गीय चपरासी के पद पर चयन होने पर पूरे जिले में चर्चा का बाजार गर्म है.
चतरा व्यवहार न्यायालय में हुई भर्ती:दरअसल, चतरा व्यवहार न्यायालय के द्वारा शुक्रवार को चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी नियुक्ति परीक्षा का रिजल्ट जारी किया गया है. जिसमें विभिन्न पदों के लिए कुल 19 अभ्यर्थियों का चयन हुआ है. जिसमें मंत्री सत्यानंद भोक्ता के पुत्र मुकेश कुमार भोक्ता का भी नाम शामिल है. मंत्री के पुत्र के चतुर्थ वर्गीय चपरासी के पद पर चयन होने से पूरे जिले में चर्चा हो रही है. लोग यह कह रहे हैं कि जो पिता राज्य सरकार में मंत्री होते हुए राज्य के युवाओं को नौकरी देने की बात करते हैं, उन्हीं का बेटा अब चतरा व्यवहार न्यायालय में चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी के रूप में कार्य करेगा. बताते चलें कि मंत्री सत्यानंद भोक्ता चतरा विधानसभा सीट से राजद कोटे से विधायक हैं. बता दें कि पिछले साल दिसबंर ही मंत्री सत्यानंद भोक्ता के बेटे मुकेश कुमार भोक्ता की शादी हुई है. उनकी शादी में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी शामिल हुए थे.
कौन हैं सत्यानंद भोक्ता?:सत्यानंद भोक्ता झारखंड के श्रम, रोजगार एवं कौशल विकास मंत्री हैं. वे चतरा विधानसभा सीट से विधायक हैं. इसके साथ ही वे झारखंड में राजद के एकलौते विधायक भी हैं. साल 2000 में उन्होंने पहली बार भाजपा की टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ा. तब वे तत्कालीन राजद के विधायक जनार्दन पासवान को हराकर पहली बार विधायक बने. उसके बाद 2004 में भी वे विधायक बने. 2014 में भाजपा से टिकट नहीं मिलने के बाद उन्होंने पार्टी को अलविदा कह दिया. 2019 में फिर वे विधायक बनने में सफल रहे. इस बार उन्होंने राजद की टिकट पर चुनाव लड़ा था. झारखंड में बनी हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार में उन्हें मंत्री बनाया गया. फिलहाल उन्हें दो विभागों की जिम्मेदारी सौंपी गई है.