छिंदवाड़ा। एमपी में शिवराज सरकार भले खेती को लाभ का धंधा बनाने में नाकाम रही हो, लेकिन प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के उमरेठ रिधौरा बीजकवाड़ा गांव के किसानों ने स्वीट कार्न (जिसे मकई भी कहा जाता है) की खेती से भरपूर मुनाफा कमा रहे हैं. इन किसानों ने स्वीट कार्न की खेती में हाथ आजमाया और अपने प्रोडक्ट को व्हाया नागपुर विदेशों तक पहुंचाया, आलम ये है कि छिंदवाड़ा जिले के इन छोटे गांव का कोर्न अमरीका में लोगों तक मे पसंद किया जा रहा.
कॉर्न सिटी के रूप में छिंदवाड़ा की पहचान, मालामाल हो रहे किसान:देश भर में कॉर्न सिटी के रूप में पहचान बना चुके छिंदवाड़ा जिले में अब स्वीटकॉर्न की पैदावार किसानों को करोड़पति बना रही है. उमरेठ तहसील के ग्राम बीजकवाडा के किसान गुरुप्रसाद पवार के 55 एकड़ क्षेत्र और ग्राम उमरेठ के किसान उमेश पवार के 6.5 एकड़ क्षेत्र में लहलहाती स्वीट कॉर्न फसल लगाने वाले किसानों ने बताया कि "पहले हम साधारण मक्का लगाया करते थे, उसके बाद स्वीट कॉर्न मक्का लगाना शुरू किया, जिससे अब इलाके के किसानों की किस्मत चमक गई है."
15 से 18 गांवों में हो रही खेती, अमेरिका तक हो रही सप्लाई:उप संचालक कृषि जितेन्द्र कुमार सिंह ने बताया कि "उमरेठ कलस्टर के लगभग 15-18 ग्रामों में 75 प्रतिशत स्वीट कॉर्न लगाया जाता है. प्रदेश में छिंदवाड़ा जिले में सर्वाधिक ग्रीष्मकालीन स्वीट कॉर्न का उत्पादन लिया जा रहा है, जिसका क्षेत्रफल लगभग 3000 हेक्टेयर है. जिले में स्वीट कॉर्न फसल की बुआई माह अप्रैल-मई में की गई है, जिसकी तुड़ाई प्रारंभ होकर अगस्त माह तक चलेगी."
जितेन्द्र कुमार सिंह आगे बताते हैं कि "सबसे अच्छी बात यह है कि छिंदवाड़ा जिले के स्वीट कॉर्न की मांग इतनी है कि किसानों के खेतों से ही व्यापारी खरीदी कर प्रदेश के अन्य शहरों ही नहीं, देश के अन्य प्रदेशों और विदेश में भी भेजते हैं, जिसमें सबसे ज्यादा महाराष्ट्र के सभी शहरों के साथ ही रायपुर, छत्तीसगढ़, हैदराबाद, इलाहाबाद, दिल्ली और अमेरिका तक स्वीट कॉर्न जाता है. जिले के किसान प्रति एकड़ 60-80 टन औसत उत्पादन प्राप्त कर 50000 रुपये से 75000 रुपये तक का मुनाफ़ा कमा रहे हैं."